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गाया : १८६७-१८७१ ]
यो महाहियारो
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अर्थ :- सोम लोकपालके वाहन, वस्त्र, भाभरण, कुसुम, गन्धचूर्ण, विमान और शयनादिक सब रयत ( गहरे ) रक्तवर्णके होते है ।। १८६६ ।।
पंडुग-वचस्स मक्के, चूलियन्यासम्मि बक्सिन-विभागे । अंजण णामो भवनों, बासम्पहुवीहि पुष्यं व ।। १८६७॥
म :- पाण्डुवनके मध्य में चूलिकाके पास दक्षिण दिशाकी भोर भजन नामक भवन है । इसका विस्तारादिक पूर्वोक्त भवनके ही सदृश है ||१८६७ ।।
है ।।१६६६ ।।
जम-नाम-सोयपासो', अंगण भवणस्स चेट्टबे मर
किम्बर-दि-खुदो, अरिठ - शामे
अर्थ :- अन्जन भवन के मध्य में अरिष्ट नामक विमानका प्रभु यम नामक लोकपाल फाले रंगको वस्त्रादिक सामग्री सहित रहता है ।।१६६८ ।।
पाऊसो ।
बल्लक्ला छासट्ठी, बिमाने,
तस्थारि
सहस्सया जस्सपाइ घासट्टी ।
हाँसि विमानाणि परिवारा ॥१८६६ ॥
। ६६६६६६ ।
:- वहाँ मरिष्ट विमान के परिवार विमान छह लाख छयासठ हजार बहसी घासठ
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आउट्ठ-कोटि-संखा, कप्पन इस्पोओ णिरुवमायारा ।
होति अमस्स पिवाक्ष, अडिय-पन पहल आरस्स ।। १८७०।।
पंगवर भलिम हारिदो पासाद वास
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३५००००००प
:- साढ़े तीन करोड़ ( ३५०००००० ) संख्या प्रमाण अनुपम आकृतिबाली कल्पवासिती देवियां यम नामक लोकपाल की प्रियायें है। इस लोकपालको भायु प्रति पाँच ( अढ़ाई )
पस्य प्रभाश होती है ।। १८७० ॥
१. द.म. क. म. म. ब. नोवपासा ।
पुत्र विमाणात । विमार्णास्मि || १६६६ ।।
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पासम्म पफिम दिलाए ।
यहि पृथ्यं वा ।। १८७१ ।।
२८. . . . . उ. जुदा । ३. द. व. क.अ. य.च.