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गावा : १८५६-१८६१ पठत्यो महाहियारो
[ ५१६ पंडसिलान समाया बिबाबा काश्मिा REETTE TEETA
पुग्ध - विवेह - जिजाणं, अभिसेयं तत्प कुर्वति ॥१८५६)
पर्य :--इसका विस्तार और ऊँचाई मादिक पाक-शिलाके मरा है। महा पर इन्द्र पूर्वविदेहमें उत्पन्न हुए तीर्थंकरोंका अभिषेक करते हैं ।।१८५६।।
पाण्डुकवनस्थ प्रामादों प्रादिका वर्मनपुम्ब-रिसाए धूलिय • पासे पंडा - बम्मि पासा। सोहित - नामो बट्ठो, बास - पुगो' तीत-कोसारिण ॥१८१०॥
। ३० । म:-पादुक-वनमें चूलिकाफे पास पूर्व-दिवा में तीन कोस प्रमाण विस्तारवाला लोहित नामक वृत्ताकार प्रामाद है ।।१८६०।।
पणास कोस-उदओ, तपरिहो पति-को-परिमाणा। विविह - बर - रयम-सचिदो, खाणापिह-धूप-गंषड्तो ।।१८६१।।
-- .- -. . . - १. ६. क.म. प. स. झुगा । १. व.प..प. य.. कोलाएँ।... ब. य. पुण्यारे ।