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पार्म :- आई श्री सुविधा
तिलोयपत्ती
५०४ ]
जोमय उनतीस सया, इगिवीसं अट्ठरस तहा भागा।
एवं महाविदेहे
मिट्टि
भूलिया
अर्थ :- महाविदेह क्षेत्रकी भाग (२६२१० ) है ।। १८०१ ॥
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१.पं. पलनीस
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[ गाया : १००१-१८०२
सोलस - सहस्सयाग, भट्ट लपा जोवरगाणि सेसीबी । अग्राहिय अट्ठ कला महाविवेोहस्स पस्स भुजा ॥ १८०२ ॥
मारणं ।। १८०१ ॥
। २९२११६ ।
चूलिकाका प्रमाण उमसीससौ इक्कीस योजन तथा अठारह
| १६८८३१२ |
:-महाविदेहकी पास्वं भुजा सोलह हजार पाठसी तेरासी भोजन और साढ़े भाठ कला ( १६६६३२ यो० } प्रमाण है ।। १८०२ ।।
[ तालिका ४२ पृष्ठ ५०५ पर देखिये ]