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मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज
नामा : १८०२]
१०१२॥
सामिका:
पसंत एवं क्षेत्रों के विस्तार, गाय, गोरा, रमुख माविका प्रमात्र पापोर । क्षेत्रों के नाम
है | उल्लेख | बिस्तार | बाण उतर गोवा | धनुष | सिकः | पावं मुना
योजन | यांजन | मोजन | योगा । यांगन | योजन योजन निमकाम
|१५ |२३२५२३० | ५२१.3 | . भिमाक्षेत्र २१.५ | ३१८४ ४ %
21.00 2 | kurth ३ महाहिमवान...|
| Exa | ५३९३१. २९३ | १९८३ ] १२३ हरिदोत्र
८४२१ | १६१५५१२/ ७३१०१० १५ ११३६१ निमय
१६ | ३३१५७ १४:५१ र १२४३४११०१२७ । दक्षिाविदह। १९ .
| १५८१% | २९१ | ८३ উপংবিই
| १०.३०
|१५८१३३ | २९२१ | Nat
परयो महाडिया
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