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________________ news :: सोगमा ती [ गाथा : १७८३-१७८९ पर्व:-इन झूटोंको ऊंचाई आदि सम हिमवान-पर्वतके कूटोंसे चौगुनी है । विशेषता केवल यह है कि कूटोंपर स्विस ये जिमपुर हिमवान्-पर्वत सम्बन्धी जिनपुरोंके सहमा है ॥१७५२।। गामा ते कूस, सं मामा तरा सुरा ते । बहू - परिवारेहि मुझ पल्लाऊ इस • पात्तगा ।।१७९३३ पर्व:-ये फूट जिस नामवाले हैं, उसो नामवासे व्यन्तरदेव उन टोपर निवास करते हैं। बहुत परिवारोंसे युक्त ये देव एक पस्य प्रमाण मायु वाले और दस धनुप ऊँचे हैं ।।१७४३॥ पउमदहात घट • गुण-कापरी हवेदि विश्व - बहो। तिगियो' विक्लायो, बहु - माझे जिसह • सेलस्स ॥१७८४॥ वा २००० । आ४००० । मा ४. 1 प संया ५५०४६४ । २३४दा ४ 1 उ ४२ । । । वा १ ।पा ४ को । वा २ को उ३ को । अर्थ :--निषधपर्वतके वहमध्यभागमें पर-द्रहकी अपेक्षा चौगुने विस्तारादि सहित और तिगिम्छ-नामसे प्रसिद्ध एक दिव्य तालाब है।९७४।। तालाबका ध्यास २००० योजन, आयाम ४००० यो पौर अवगाह ४० योजन प्रमाण है। सम्पूर्ण कमलोंका प्रमाण ५६०४६४ है । कमलका उस्लेघ ४ योजन भौर व्यास भी ४ योग है। कमल-नाल की ऊंचाई ४२ योजन है । ( जलमग्न ४० योजन और जमके ऊपर ३ यो है।) कमलकारणका का उस्सेप १ मोजन और ध्यास । योजन है । कमस-करिरका पर स्थित प्रत्येक भवन की लम्बाई ४ कोस, चौड़ाई २ कोस मोर ऊँचाई ३ कोस है। धृतिदेवी निर्देशतहह - परमात्सोवरि, 'पासाये घट्ट य विविवेबी। बहू • परिवारहि जुबा, पिवम - लावण • संपुष्णा ॥१५॥ प्रपं:-उस वह सम्बन्धी कमलके अपर स्थित भवन में बहुत परिबारसे संयुक्त और अनुपम लावग्यसे परिपूर्ण धृतिदेवो निवास करती है ॥१५॥ इगि • पल्ल - पमानाऊ, गागाशि-रमण-भूसिय-सरोरा। अहरम्मा संतरिया, सोहामिस्स सा देवी ॥१७५६॥ १. ५. तीनिध्ये, स, तिगिन्थे । २. ५.. वा २, मंगा २, ३,५४, कि । ..... क...पसारा।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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