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________________ गाया : १४३६- १४३६ ] थो महाहियारो [ ४९५ :- ये नौ प्रतिश युद्धमें क्रमशः नो वासुदेवोंके हाथोसे अपने ही चोके द्वारा मृत्युको प्राप्त होकर नरकभूमिमें जाते हैं ।। १४६५ ।। नारायणोंका कुमार काल, मण्डलीक कालू, विजयकाल और राज्यकाल - आि पणवीस सहस्ताई, वासा कोमार मंडलिताई । पचम- हरिस्त मेनं वास सहस्सं विजय काल ९११४३६१० - तेसीदि सक्वारिंग, परिसादि रज्जकालो, । २५००० | २५००० | १००० | अर्थ :- प्रथम ( विपृष्ठ ) नारायणका - कुमार काल पच्चीस हजार वर्ष, मण्डली-काल पौस हजार वर्ष और विजयकाल एक हजार वर्ष प्रमाण है ।। १४३६ ॥ - चणदन् सहल्स संजुदाई पि । - निहिडो पदम किस्स ।। १४३७ ।। | ६३४६००० | अर्थ :- प्रथम नारायणका राज्य काल तेरासी लाख उनचास हजार वर्ष प्रमाण निर्दिष्ट किया गया है ।। १४३७ ।। कोमार-मंडलिये, ते विय बिदिए जयो वि वास सदं । इगिरि सक्लाई, उगवण-सहस्य णव-सया रज्नं ।। १४३८ ।। 1 २५००० । २५००० | १०० । ७१४६६०० । अर्थ :- द्वितीय नारायणका कुमार और मण्डलीक - काल उतना हो ( प्रथम नारायणके सदृश पच्चीस-पच्चीस हजार वर्षे, जयकाल सो ववं ) और राज्यकाल इत्तर लाख उनचास हजार नौ सौ वर्ष प्रमाण कहा गया है || १४३८|| - बिदिया" अाई सर्वभुकोमार मंगलान जिओ गठबी रम्यं तिय-काल-विहीन सहि- लम्बाई ।। १४३३।। । १२५०० । १२५०० | १० | ५६७४६१० । १. मंडल सब्जिय। २. ६. ब. क. ज. . . तिदिया।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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