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________________ ४१४ ] तिसोयपणाती [गापा : १४३१-१४५ नारायणादि सीनोंकी आयुसगसोमो सत्तत्तरि सग • मष्टो सत्तत्तीस सत्त - बसा । पस्ता समसाम - हवा, आक पिण्यारिपंचन्हं ॥१४॥ । ल । ७७ स । ६७ म । ३७ स । १७ ल । सगसट्ठी सगतीसं, सत्तरस - सहस्स बारस - मयाणि । कमसो बार- पमाणे, नरि-प्पमुहा - चउपकम्मि ॥१४३२॥ बर्ष:-विजयादिक पांच बलदेवोंकी प्रायु क्रमशः सतासी-साख, सततर सास, सड़सठ साह, संतीस लाब और सप्तरह लाख वर्ष प्रमाण पो तथा नन्दि-प्रमुख चार बलदेवोंको वायु क्रमशः सड़सठ हजार, संतीस हजार, सत्तरह हजार मोर वारड्सौ वर्ष-प्रमाण थी ॥१४६१-१४३२।। बुलप्सीबी गाहसरि, सही सीसं बसं च सामि । पणसद्धि - सहस्साषि, तिविटु - छलके कमे माऊ ॥१४॥ ८४ ल । ७२ ल । ६० ल । ३. ल । १० ले । ६५००० । बसीस • बारसेवक, सहस्समाकणि रत - पहरोग। परिसस्त-आउ-मान', पिय-मिय-भारायणार-समा॥१४३४॥ ३२००० । १२.००।१००० । मर्ष:-त्रिपृष्टादिक छह नारायणोंको भायु क्रमशः चौरासो लाख, बहत्तर लाख, साठ सामा, तीस लाख, यस लाख और पैंसठ हजार प्रमाण पी सपा वस-प्रभृति शेष तीन नारायणों को आयु क्रमशः बत्तीस हजार, बारह हजार और एक हजार वर्षे प्रमाण थी । प्रतिशमोंकी प्रायुका प्रमाण अपने-अपने नारायणोंकी भायुके सहया है ।।१४३३-१४३४॥ प्रतिनारायणोंकी पर्यायान्तर-प्राप्तिएवं नव परिसत . गबान हथेहि वासुदेवारणं । गिय - सबकेहि रणे, समाना बंति गिरय - शिवि ॥१४३५॥ १. ....क. प. प. इ. नाणं । २. स.ब.. ज. स. २. उपसमं ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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