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________________ गापा : १४०५-१४०८ ] चश्त्यो महाहियारो [ ४१ :-प्रत्येक परिवर्ताक पदानीक ( पवाति ) पहलासीस करोड़ पौर देश बत्तीस हजार होते है ॥१०॥ छन्ननदि - कोरि गामा, पयरा पंचहतरि - सहस्सा । अर-हर-दु- सहस्सालि, लेग सम्बार पत्रकं ।।१४०५॥ को १६ । ७५००० । १६...। प्रचं:-सर्व चकवतियों में से प्रस्पेकके अयानरं करोड़ प्राम, पचहत्तर हजार नगर और पाठसे गुरिणत दो । सोलह ) हजार हे (खेट ) होते हैं ॥१४०५।। बउबीस • सहस्सागि, कमर-भामा मरंव-गामा य । चतारि सहस्साई, अहवाल - सास - पटनाई पि १४०६॥ २४०.०।४००० । ४८०००। वर्ष :--कट बीबीस हजार, मटव चार हजार और पट्टन अड़तालीस हजार होते हैं ।।१४.६॥ णव - गर्षि - सहस्साई', संसा दोगामुहाण चाकीसु । संबाहनानि चउदस - सहस्स • मेता य परोष ॥१४०७॥ 86.0.1 १४००० अर्थ:-प्रत्येक पक्रवर्ती निन्यानव हजार ग्रोणमुख और चौदह हजार-प्रमाण संवाहम इवा करते है ।।१४.७।। छप्पणंतर रोश, कुरिस-गिवासा हर्षति सस - सया । मावीस - सहस्साई, दुग्गास्वीयाणि सम्बेस ।।१४०।। ५६ १७०० । २८०००। पर्ष:- सर्व पकवतियोंके छप्पन अन्सर्दीप, सात सो कुक्षि निवास मौर यट्ठाईस हजार दुर्ग एवं वन मावि होते है ॥१४०८।।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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