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पापा : ११२५-११२६ } पउत्थो महाहियारो
[ १३३ पपप्रमजिनेन्द्र के सात गणोंकी संस्थाजोगि सहस्सा ति-सपा, पुश्वधरा सिक्सया बे लक्ला । अगरि सहस्सा, ओहिनामा वस-सहस्सानि ॥११२५।।
पुन्ब २३०० । सि २६६००० । ओ १०० | चउरंक'-ताडिवाई', तिम्णि सहस्साणि होति केलियो । पट्ट - सएहि जुत्ता, वेगुम्बी सोलस - सहस्सा ।।११२६।।
। के १२००० । वे १६८००। विगुणा पंच-सहस्सा, तिम्गि सपाई हम्रति विउलमयो । छाषिय • नदि - सयाई, वादी परमापहे देवे ।।११२७॥
दि १०३०. । का १६०० । प्रपं:-पप्रमभजिनेन्द्र के साप्त गणों से पूर्वधर दो हजार तीन सी, शिक्षक दो नाव उनहत्तर हजार, अधिमानी दस हजार, केवली चारसे गुरिणत तीन हजार (बारह हजार), विकियाऋषिके धारक सोलह इजार पाठ सो, विपुलमति पांच हजारके दुगुणे ( दस हजार ) तीन सौ और वादी नगे हमार छह लो ये ॥१९२५-११२७॥
सुपाश्वजिनेन्द्र के सात गणांको संख्यापुम्बपरा तोसाहिय-दोम्णि-सहस्सा हवंति सिक्ख गणा । चोपाल सहस्सानि, दो लासा जप-सया बोला ॥११२८।।
। पु २०३० । मि २४४६२० । पव य सहस्सा मोही, केवलिणो एकरस - साहस्साणि । तेवण · सयम्भहिया, बेगुन्वी बस सहस्साणि ॥११२६॥
| मो... । के ११.०० । वे १४३००।
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१.प.क.न.पउक।