SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 318
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गावा: २६५-६६८ उत्यो महाहियारो [ २६१ अर्थ :- धर्मनाथ जिनेन्द्रका केवलिकाल पचिसो वर्ग से एक कम और शान्तिनाथ जिनेन्द्रका दसके जनसे गुणित पन्चीसमें सोलह वर्ष कम है ।।६६४।। चोवीसा हिय-सग-सम, तेवीस सहस्तयादि कुपुम्मि । खसीवो-द-व-सय- वीस-सहस्सा अरम्मि वासानं ॥६५॥ ।। कुयु २३७३४ | भर २०६८४ ।। :--- कुन्युनाथ जिनेन्द्रका केवलिकाल देईस हजार सातसो चौतीस वर्ष और धरनाथ जिनेन्द्रका बीस हजार दो सौ चौरासी वर्ष प्रमाण है । ६५ ।। -रवि-अहिये-अड एक्करसं प्रिय मासा, इगि । मल्लि वास ५४८६६ मा ११ दि २४ अर्थ :- मल्लिनाथ जिनेन्द्रका केवलिकाल चोवन हजार आठ सौ निन्यानवं वर्ष ग्यारह मास और धोबीस दिन प्रमाण है ||६६६ ॥ - 1352 Jatra -ग्ण सहमणि वासारिख । उबोस विनाद मस्लिम्मि ॥९६६॥ बि-यव-सय-सत्त-सहस्सा रिंग बस्रारिंगपि । मालो सुम्बवए, केवलकालहस परिमाणं ॥६६७॥ । सुम्बद वा० ७४६६ मा १ । म :- मुनिसुव्रत जिनेन्द्रका के निकाल सात हजार चारसो निन्यानवं वर्ष और एक भास प्रमाण है || २६७॥ - वासानि वो सहस्सा, चचारि सयाणि नमिम्मि इगिणी । एक्कोणा सश सया, बस मासा च विचाणि नेमिस्स ॥६६८ ।। | णमि वा २४९१ । प्रेमि वा ६६२ मा० १० दि ४ । :- नमिनाथ जिनेन्द्रका केव विकास दो हजार चार सो एकानत्रं वर्ष पोर नेमिनाथ जिनेन्द्रका एक कम सातसौ वर्ष दस मास तथा चार दिन प्रमाण है ॥९६८॥
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy