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तिसोक्पाती
उबर समहिय अडवीतवि- पुज्यंग रहिन पुरुयानं ।
एक्के लक्ख केवलिकाल मार्ग च पुष्कवंत जिने ॥६६० ॥
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गया है ।। ९६१ ।।
पुष्फ पू० १५ ॥ रि–पूथान ३
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वर्ष :- पुष्पदन्त जिनेन्द्रका केवलिकाल चार वर्ष और बट्टाईस-पूर्वाङ्गकम एक लाख पूर्व प्रमाण है ।। ९६० ।।
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संबस्सर-तिव ऊणिय पणवीस सहस्तयाणि पुष्याणि ।
सीयलजिनम्मि कहिवं. केवलिकालस्स परिमाणं ।। ६६१ ॥
सीयल पुय्व० २५००० | रिलबास ३ 11
:- शोस जिनेन्द्रके केवलिकालका प्रमारम तीन वर्ष कम पच्चीस हजार पूर्व कहा
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गिबस बस सक्खर दोहि बिहोगा चडवण-वास-लक्सं ऊनं एक्केण
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[ गाथा: ९६०-६६४
।। सेयंस बस्स २०६६६९८ ।। वासुपूज्य वस्त ५३९१६१६ ।।
:--- श्रेयांस जिनेन्द्रका केवलिकाल दो ( वर्ष ) कम इक्कीस लाख वर्ष और वासुपूज्य जिनेन्द्रका एक कम चौवन लाख वर्ष प्रमाण है ।।१६२ ||
९. इ.ब. स. प. उ. पुरुष
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पहूम्म सेयं बासुमुक्ा जिने ॥१६६२ ।।
पण रस-बास-लक्ला, तिवय-विहीना व विमलन हस्मि । सम-कवि-ह- पण शरिवासा दो बिरहिया अनंत जिने ॥ ६६३ ||
जिनेन्द्रका सोके बगंले गुपित पचहत्तरमेंसे दो कम है । ६६३ ।।
।। बिमस* वस्स १४६६६६७ । प्रत खास ७४९६६८ ॥
:- विमल जिनेन्द्रका केवलिकाल तीन कम पन्द्रह लाख वर्ष और अनन्तनाय
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पंचसयार्थ दणो, ऊयो एक्केन बम्मणामि । बस-वन व पशुवीसा, सोलस होना पसंती ॥६६४३॥
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|| धम्म वस्तु २४६६६६ । संति २४९६४ ॥
२. ब. त. विमल पुम्ब, प. म. प. विमम