________________
पाया । १५६-१५६ ] घउत्यो महाहियारो
[ २८९ अर्थ :--अभिनन्दन जिनेन्द्रका केवलिकाल अठारह वर्ष मोर ८ पूर्वाङ्ग कम एफ लाथ पूर्व प्रमाण निर्दिष्ट किया गया है ||९५५।।
बसवि - बन्छर-समाहिय - वारस-पुव्वंग-हीन-पुम्यागं । थाfess : . सामालियर सुमइमाहम्मि ॥५६॥
सुमइ पू० १ ल ॥ रिश- पुष्वंग १२ ।। वास २० ।। पर्ष : सुमति जिमेन्द्रका केवसिकाल बोस वर्ष और १२ पूर्वाङ्ग कम एक लास पूर्व प्रमाण है ।।९५६|
विगुणिय-तिमास-समाहिय-सोलस-पुमंग होल - पुष्वाण । इगि - लाल पउमरगाहे, केबलिकालत परिमानं ॥६५७||
परम पू० १ ल ॥ रिण = पुज्वंग १६ ॥ मा ६ ॥ प:-पप जिनेन्द्रका केवलिकाल ६ मास और सोलह पूर्वाङ्ग कम एक लास पूर्व प्रमाण हे ॥२७॥
एष - संबच्छर - समाहिय-बीसपिपुव्वंग-हीम-पुम्बाणं । एकं सरलं केवलिकाम - पमाणं सुपास - हिने IIE५८॥
सुपास पू. १ ल ॥ रिण= पुग्वंग २० ।। वास ६ ।। पर्व:-सुपार्व मिनेन्द्रका केवलिकाल नौ वर्ष और बोस पूरुङ्ग कम एक साह पूर्व प्रमाण है ॥५॥
मास-त्तिवयाहिय'- चडयोसवि-पुम्बंग - रहित - पुवाणं । इगि - लाल चंदप्पह • केवलिकालस संसानं HERI
चंदपा पू० १ । रिण-पूर्वाग २४ ।। मास ३ ॥ 4 :- पन्नप्रभ जिनेन्द्र के केवत्तिकासको संख्या तीन माह और मोबीस पूर्वाङ्ग कम एक खाख पूर्व है IIEI
१.न.प. ६. ३. य.च. मा तिवया विथ ।