SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एस११०॥ गापा : ५४९-५५३ ] पत्थो महाहियारो [ १५५ तत्व विषय -बिगो, सिरिमाइ-वीस सरसेभेन । बाइसाह-पारिवाए, सिय-परले किचिमासु संजगियो ।।५४६।। प्रबं:-कुन्थुनाप जिनेन्द्र हस्तिनापुरमें पिता सूर्यसेन और माता श्रीमती देवीसे वैशाख शुक्ला प्रतिपदाको कृतिका नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥५४६।। मग्गसिर-चोदसोए, सिव-पश्खे रोहिनीसु अर-देखो। गागपुरे संजलिरो, मित्ताए सुरिसणानिवेनु ।।५५०॥ प्रर्ष:-अरनायजो हस्तिनापुरमें पिता सुदर्शन राजा और माता मित्रासे मगसिर शुक्ला भाता मिनासे मगसिर-शुक्सा चतुर्दशो को रोहिणी नक्षत्र में प्रति 'मिहिलाए महिल-मिणो, पहवोए 'कुंभनिसरीसेहि। मागसिर-सुका-एएकादसीए' 'प्रस्सिपोए सांजाको ॥५५१।। मर्थ :- मल्लिनापजी मिथिलापुरोमें पिता कुम्भ और माता प्रभावतीसे मगसिर शुक्ला एकादशीको अश्विनी नक्षत्र में उत्पन्न हुए ।।५५१॥ रागिहे मुरिणसम्बय-देवो पउमा-समित राहि । अस्सचुव चारसीए. सिंघ-पाले सवरण में जाओ ।।५.५२॥ अचे.- मुनिमुयतदेव राजगृहमें पिता मुभित्र राणा और माता पद्मासे पासोज-शुक्ला द्वादपीको थवरण नक्षत्र में उत्पन्न हुए ॥५५२।। मिहिला-पुरिए जायो, जिय-परिवेग बप्पिलाए य । अस्सिगि-रिक्ते* आसाद'-सुरक-इसमीए गमिसामी ।।५५३॥ प्रबं:-नमिनाप स्वामी मिथिलापुरीमें पिता विजयनरेन्द्र और माता वप्रिलासे भावाद शुक्ला दशमीको अश्विनी नक्षत्रमें प्रवतीर्ण हुए ॥५५३ ।। -. -.-.-..- .--... --. ..... ज. म. महिलाए। २. द... य. उ.पुमिचीहिं। .. .क, ज. स.च. एकासिए । ४. . . स्मिणो वश एसं। ब. क. प. य. पस्तिशी पुर। ए1. द. ब. क. उ. को। ६. ८. पासारे।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy