SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 181
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५४ ] तिलोय ती चंपाए 'वासुपूज्जो, बसुपुक्स मरेसरेन विजयाए । फगुण-सुक्क बसि विणम्मि जाबो बिसाहातु ॥१४४॥ प्र :- - वासुपूज्यजी चम्पापुरीमें पिता वसुपूज्यराजा और माता विजयासे फाल्गुन शुक्ला मायके दिन विज्ञापन में उत्पन२२।५४४ कंपिल्लपुरे दिमलो जम्बो कबबम्म- 'जयस्सामाह । माघ-सिव-चोदसीए, नक्से अर्थ :- विमलनाथ कम्पिलापुरी में पिता कृतवर्मा और माता जगश्यामासे माषशुक्ला चतुर्दशीको पूर्वभाद्रपद नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ।।५४५ ।। काए अं गाथा ५४४-५४८ मुम्बभद्दयते ।।४४५ ।। जेटुस्स बारसीए, किन्हाए रेक्नोस् म मनंती । सादरे जादो, सभ्यता- सिहसेनेहि ।।५४६।। म :- अनन्तनाम भयोध्यापुरीमें पिता सिंहसेन और माता सर्वयशासे ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशीको रेवती नक्षत्र में प्रवतीर्ण हुए ।। ५४६ ।। रमापुरे धम्म-विनो, भानु-भरिवेज सुदवाए व माघ-सिव-तेरसीए, जावो पुस्तम्मि मम ।।५४७॥ :- धर्मनाथ तीपंकर रत्नपुर में पिता भानु नरेन्द्र र माता सुववासे मायक्ला त्रयोदशीको पुष्य नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ।। ५४७ ।। जे-सिव- वारसीए, भरणी-रिमलम्मि संतिणाहोय । हस्विणउम्मि जादो, १. प. सुपुत्रो ४. ६. ज. जारा । अर्थ :- शान्तिनाथजी इस्तिनापुरमें पिता विश्वसेन और माता ऐरासे ज्येष्ठ शुक्ला द्वादशी को भरणी नक्षत्र में उत्पन्न हुए ।। ४८ ।। अहराए बिस्ससेगेण ।। ५४८६ ।। २.६, ३. क... ना ..... प. उ. सुख
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy