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तिखोयपण तो
[ पापा : ५६४-५३८ मापस्म तुमक-पासे, रोहिति-रिक्सम्मि रस मि-विषप्तम्मि ।
साको अनिय-जिको जारी बियसत्तवियाहि ॥५३॥
वर्ग:-प्रजित जिनेन्द्र साकेत नगरीमें, पिता विना एवं माता विजयासे, माघ शुक्ला दसमीकै दिन रोहिणी नक्षत्र में उत्पन्न हुए ।।५३४॥
साबढीए संमयदेवो म विरारिका' सुनाए ।
मागसिर-पुष्णिमाए, जेवा-रिमम्मि संजापो ॥५३॥
मर्ष :-सम्भवदेव श्रावस्ती नगरीमें पिता जितारि और माता सुरेणासे मगहिरको पूर्णिमाके दिन ज्येष्ठा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ।।५३५।।
माघल्स बारसीए, सिम्मि से पुनम्बसूरते।
संबर-सिकस्याहि सारे नंबगो जाबो ॥३६॥
मर्च :-भिनन्दनस्वामी साकेतपुरीमें पिता संवर और माता सिद्धार्यासे माष सुममा द्वादशीको पुनर्वसु नक्षत्र में उत्पन हुए ॥३६॥
'मेयम्पहेग सुमई, सासर-पुरम्मि मंगलाए य । सावण-सुक्केबारसि-विवासम्मि मघासु संबनिहो ॥५३७॥
प्रबं: मुमतिनावजी साकेतपुरीमें पिता मेधा और माता मङ्गलासे प्राबल-शुक्ला एकादशी के दिन मघा नक्षत्र में उत्पन्न हुए ॥५३७॥
मस्साघुवकह से रति-विजन्मि परमपहोम मित्तात।
परगंग सुतीमाए, कोलंबी-पुरपरे पायो xn
प्र:-पप्रप्रभने कौशाम्बी पुरोमें पिता घरस मार माता सुमोमासे मासोज कृष्णा त्रयोदशीके दिन चित्रा नक्षत्रमें जन्म लिया ॥३८॥ - - . . . ....-
.. . -- १.. ऐ जिवारिला । 4 राविधारिणा । कप. य. उ. एविदारिता। २. स. स. पेपमएस, ब.क. उ. पेपरबएण।