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इस उपदेशको पार्क में युगले भी समय रह कर आयु क्षीण होने पर विलीन हो बातें हैं ||४७५ ॥
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अभिचन्द्र नामक कुलकरका निरूपण
'अब सुरलोध गदे, अडसय कोडीहि भजिद - पल्लमि । अंतरि उप्पज्जवि अहिचंबो नाम दसम मध्यू १४७६ ॥
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अर्थ :- नवम कुलकरके स्वर्गस्थ होने पर आठ सौ करोड़से भाजित पल्यके अनन्तर अभिचन्द्र नामक दसर्या मनु उत्पन्न होता है ॥। ४७६ ।।
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पणुवोसाषिय छसय कोदंड पमाण देह उनकेहो । पलिबोवममेत परमाऊ ॥ ४७७१३
कोडी सहस्त भजिदा
[ गाया : ४७६-४७६
काम नाम करते हैं रखते हैं और थोड़े
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... बावनदी ।
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दं ६२५ ।
अर्थ :- उसके शरीरकी ऊँचाई छह सौ पच्चीस धनुष और आयु एक हजार करोड़से भाजित पत्योपम प्रमारण बी ।।४७७ ।।
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मंत्रण- समाण वच्णो देवी नामेग सिरिमदी तस्स ।
सो वि सिसुगं रोवण वारण हेतु कहेबि उम्र ||४७८ ॥
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अर्थ :-- उसके शरीरका वर्ण स्वर्ण सदृश था । उसके श्रीमती नामकी देवी थी। वह ( कुलकर) भी शिशुओंका रुदन रोकने हेतु उपदेश देता है ।। ४७८ ॥
रतीए ससिदिवं वरिसिय डेलावणाणि कानुनं । तान गोवर्स, सिमलावह कुनह जब मि ॥४७॥
१. ८. म. मो। २. सामाि ३ दो नमोबद