SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 160
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ xxxfar :... AN T ARATRE गाथा : ४५५-४५० ] [ १३३ पउत्यो महाहियारो खोमकर नामक मनुका मिल्पन -- तम्मनवे गाक - गवे, सौबी-सहस्सामहरिव-पल्सम्मि । सदिवे' पंचममो, गम्मरि सोमंकरो पि मगू ॥४५५।। बर:-इस कुसकरके स्वर्ग से जानेपर अस्सी हजारसे मालित पल्य प्रमाण झालके मन्तरसे पांचवें सीमपुर मनुका जन्म हुमा ।।४५५|| तस्सन्छेहो पंडा', पन्नासम्महिप - सत्त • सम - मेता । लक्वेग भणिय - पल्लं, आऊ वो सुबज्य-निहो ॥६॥ । ६ ७५० । १.१...। प्रथ:-उसके शरीरका उत्सेष सातसौ पचास (७५० ) धनुग, भायु एक नाबसे माजित पस्म प्रमाण और वर्ष स्वर्ण सदृश्य पा ॥४५६।। यौ तस्स पसिवा, णामेन मनोहरि ति तपकाले । कप्पतरू अप्प - फला, 'दिलोहो होदि मनुवा II म: उसकी देवी 'मनोहरी' नामसे प्रसिद थी । इस समय कल्पवृक्ष अल्प फल देने लगे ये और मनुष्योंमें मोम मन पसा था ॥४५७|| सुरतइ - सुखा बुगला, अनोज गति संवा । सोमंकरेग सोम, कारण निवारिवा सो ४५८|| १.स. १. क. उ. पंचरिदे पंचायी, प. ते संतरिक्ष रमवी। २. .. .. प. उ. दंगे। .... प. प. पारिमोहारि। .... तया ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy