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________________ गाथा : ३१०-३१२ उत्यो महाहियारो [ Fe :- चौरासी गुणित लता - प्रमाण एक 'महालतांग' होता है। इसको चौरासीला खसे गुणा करनेपर 'महालता' नाम कहा गया है ।। ३०९ ।। बिमेवार्थ :-- (२७) एक लता x ४ = ६०२६६४३४८८९६४४०७६३२८१३० १८६६०१८६८६१९७८७१७९२४३८१६०६९४४४७० शून्य प्रमाण वर्षोंका एक महालतांग । (२८) एक महालतांग x ८४ लाख = ७५८२६३२४३०७२० १०२४११४७९७३५६६६७५६९६४०६२१८६६६८४८०८०१८३२६६४७५ शून्य प्रमाण वर्षोंका एक महालता चउसीदि-लक्ल-गुणिवा', महालवादी हवेशि सिरिकप्पं । उसीदि लक्ख गुणियं त हत्यपहेलियं णाम ।। ३१० ।। प्र:- पौरासी लाख गुणित महालता - प्रमाण एक 'श्रीकल्प' होता है इसको चौरासीलाखसे गुणा करनेपर 'हस्तप्रमा होता है राज विशेवार्थ:- (२६) एक महालता x ८४ लाख ६३६९४११३२५८१३२८६०२४७२६६७७६८७७६५८४९५१२२३६३२१५२३८७३५३६६६६४४८० शून्य प्रमाण वर्षोंका एक श्रीकल्प होता है। (३०) एक श्रीकल्प × ८४ लाख - ५३५०३०५५१३६८३१६०२६१६१०६६१५० ६७४८५१३८४२२०१०३००८००५३७७३३३६५७६४ ८५ शून्म प्रमाण वयका एक हस्तप्रहेलित होता है । हत्यपहेलिय नामं, गुनिदं धउसी िलक्स बासेहि । अवलम्प' णामधे ओ, कालं कालानुवेषि - गिट्टि ।।३११।। +4 - · प्रयं - चौरासी लाख वयंसि गुरिणत हस्तप्रहेलित प्रसारण एक 'भवसारम' नामका काल 1 पप्पा होता है, ऐसा मालाणुओं के जानकार प्रर्थात् सर्वशदेवने निर्दिष्ट किया है ॥ १११ ॥ १.ज. प. विशेषार्थ :- (३१) एक हस्त प्रहेलित x ८४ लाख ४४९४२५६६३१४९३८५४६१९७५२१४५६६८१८८७५१६२७५१६०६५२६७२४३१६९६०२७२३८४९० शूभ्य प्रमाण वर्षोंका एक श्रचसात्म नामका कालांश होता है । एक्कसीस हाणे, अन्णोश्म - हदे लक्ष → - वसोवि पुह पुह हमे अवलध्वं होवि 'भतवि-गंगं ॥३१२ ।। ६४ | ३१ | १० | २६ सिरिकंप, अ. अ. ३. सिरकं ४ व कालाउ हवेदि, व. काणु दि 1. । !.. you cut it. 4. 4. fofegri 1. E. Mufti
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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