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प्रतिम पद - ( ४६ – १ ) d
यदि का मान ३८६ श्रर अन्तिम पद =
का मान ८ हो तो
३८e – (४६ – १) ८५ होता है ।
गाथा २/६९ : सम्पूर्ण पृथ्वियों इन्द्रक सहित श्रे गिबद्ध बिलों के प्रमाण को निकालने के लिये आदि ५, चय ८ और गच्छ का प्रमाण ४६ है ।
गाथा २/७० : यहां सात पृथ्वियां हैं जिनमें श्रेणियों की संख्या ७ है । अंतिम रिंग में एक लिये निम्नलिखित सूत्र ग्रंथकार ने दिया है :
ही पद ५ है । इन सभी का संकलित धन प्राप्त करने
$, =
[ ( N+ ७ ) D ( ७+ १ ) D+ २A] = ¥ [ २A+ { N– १ ) D]
यहां इष्ट ७ है । A, D, N, क्रमश: आदि, चय और गच्छ हैं ।
६५
गाथा २ / ७१ : उपरोक्त के लिए दूसरा सूत्र निम्न प्रकार दिया गया है
S,
[
XD+A ] N
-
2 [ २ A+ (N– १) D ]
गाथा २/७४ : यहां भी साधारण सूत्र दिया है—
[ य़ े, d ] + ( २ n. d ) -- ad | + ( ? n
२
= [ (a– १) d + २८ ]
Sz=
गाथा २/५१
इंद्रकों रहित बिलों (श्रेणीबद्ध बिलों ) की समस्त पृथ्वियों में कुल संख्या निकालने लिए सूत्र दिया गया है । यहाँ आदि ५ नहीं होकर ४ है क्योंकि महातमः प्रभा में केवल एक इन्द्रक और चार श्ररिणबद्ध बिल हैं । यही आदि श्रथवा A है; गच्छ N या ४६ है, प्रचय D या ८ है ।
,
सूत्र—
S ==
(N'--N)D+ (N.A.)
N
= [ १^+ (N–१) D ]
+
N)