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क्रम सं
४०
४१
विषय
लोक के शिखर पर वायुरुद्ध क्षेत्र
का घनफल
लोकस्थित आठ पृथिवियों के
वायुमण्डल
लोक का सम्पूर्ण वनफल
लोक के शुद्धाकाश का प्रमाण
सीमन्त इंद्रक व विक्रांत इंद्रक
चैत्यवृक्षों का विस्तार
४२
४३
૪૪
४५
विविध तालिकायें :
४५.
अधिकार
१
१
१
१
२
३
विषय
१ सौधर्म स्वर्ग से सर्वार्थसिद्धि पर्यन्त क्षेत्रों का घनफल २ मन्दर ऊर्ध्वलोक का घनफल
३ नरक - पृथिवियों की प्रभा, बाहुल्य एवं बिल संख्या
४ सर्व पृथिवियों के प्रकीर्णक बिलों का प्रमारण
५. सर्व पृथिवियों के इन्द्रकों का विस्तार
६ इंद्रक, श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक बिलों के बाहल्य का प्रमाण
७ इन्द्र, श्रेणीबद्ध एवं प्रकीर्णक बिलों का स्वस्थान,
परस्थान अन्तराल
सातों नरकों के प्रत्येक पटल की जघन्य उत्कृष्ट आयु का विवरण
& सातों नरकों के प्रत्येक पटल स्थित नारकियों के शरीर के उत्सेध का विवरण
१० भवनवासी देवों के कुल, चिह्न, भवन सं. आदि का विवरण
११ भवनवासी इन्द्रों के परिवार देवों की संख्या
१२ भवनवासी इन्द्रों के अनीक देवों का प्रमारण
१३ भवनवासी इन्द्रों की देवियों का प्रमाण
१४ भवनवासी इंद्रों के परिवार देवों की देवियों का प्रमाण
गाथा सं०
I
│││****
ન
२१
पृ०
पृ० ६३
पृ० १०६
पृ० १४६
१७२
१९४-१९५
१९६-१६७
२१३
२२१-२२२
२३८-२३६
२७१
२८५
२६०
२९४
२६७
पृष्ठ संख्या
१२६
१३२
१३७
१३८
१५१
२७४
अधिकार/गाथा
१/११८-१९
१ / २६४-२६६ २/६.२१-२३,२७
२ / ६४
२/ १०८-१५६
२/ १५७-१५८
२/१६४-१९५
२/२०३-२१६
२/२१७-२७१
३/६-२१
३/६२-७६
२/८१-८६
३/९०-६६
३/१००-१००