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१९४ ]
. तिलोयपण्णत्ती
[ गाथा : १५६
पहली पृथिवी
दूसरी पृथिवी
तीसरी पृथिवी
इन्द्रक
विस्तार
इन्द्रका
विस्तार
| इन्द्रक ।
विस्तार
स्तन
२
س
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तनक
| त्रसित
४
तपन
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सीमंत ४५००००० यो. निरय
४४०८३ रौरुक | ४३१६६६६, भ्रान्त ४२२५००० ॥ उद्भ्रान्त ४१३३ संभ्रांत
| ४०४१६ असंभ्रांत ३६५०००० , विभ्रांत ३८५८३३३३॥
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घात
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संघात
३३०८३३३३ यो० तप्त ' २३००००० यो० ३२१६६६६३ यो.
२२०८ ३१२५००० ।
२११६६६६३, ३०३३३३३३ तापन २०२५००० २६४१६६६ ., निदाघ १९३३३३३३,
प्रज्वलित | १८४१६६६ , | २७५८३३३३, उज्ज्वलित १७५०००० यो
२६६६६६६३ , संज्वलित | १६५८३३३३ ., २५७५००० यो० संप्रज्वलित १५६६६६६३ , २४८३३३३ ॥ २३६१६६६३,
م
जिह्व जिह्वक लोल लोलक
तप्त
३७६६६६६१,
असित
वक्रांत अवक्रांत
३६७५००० यो ३५८३३३३३, ३४६१६६६३ , ३४००००० यो०
लोलक
विक्रांत