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विदु महाहियारो
बारस - जोयण - लक्खा इगिणउवि - सहस्स छ सय छासट्ठी । दोणि कला लि-विहता 'तुरिमा तारिक्यस्स रु दाउ || १४३ ॥
गाथा : १४३-१४६ ]
१२९१६६६३ ।
अर्थ :- चौथी पृथिवी में तार नामक तृतीय इन्द्रकका विस्तार बारह लाख, इक्यानब हजार, छहसौ छ्यासठ यो एक बोबो है ।।१४३ ।।
६१६६६३ = १२ε१६६६ योजन विस्तार तार नामक
विशेषार्थं :- १३८३३२३५
तृतीय इन्द्र बिलका है ।
बारस - जोयण - लक्खा तुरिमाए वसुंधरा वित्थारो । तच्चिवयस्सर रुंदो णिहि सव्वदरिसीहि ।। १४४ । ।
१२०००००।
अर्थ :-- सर्वज्ञदेवने चौथी पृथिवी में तत्व ( चर्चा ) नामक चतुर्थ इन्द्रकका विस्तार बारह लाख योजन प्रमारण बतलाया है || १४४ ।।
[ १८६
विशेषार्थ :- १२६१६६६३ – ६१६६६ - १२००००० योजन विस्तार तत्व नामक चतुर्थ इन्द्र बिलका है ।
एक्कारस- लक्खाणि अट्ठ सहस्वाणि ति-सय-तेत्तीसा |
एक्क - कला तुरिमाए महिए तभगस्स वित्थारो ॥ १४५ ॥
| ११०८३३३३ । ३
अर्थ :-- चौथी पृथिवी में नमक नामक पंचम इन्द्रकका विस्तार ग्यारह लाख आठ हजार, तीनस तेतीस योजन और एक योजनके तीसरे भाग प्रमाण है ।। १४५ ।।
९१६६६३ - ११०८३३३३ योजन विस्तार तमक नामक
विशेषार्थ : १२०००००
पंचम इन्द्रक बिलका है ।
दस- जोयण - लक्खण छस्सय सोलस-सहस्स छा सट्ठी । दोणि कला तुरिमाए खाडिदय-वास परिमाणा ॥ १४६ ॥ ।
१०१६६६६३ ।
१. द. ब क. ज. ठ. तुरिमाई दस्स । २. द. ब, क ज ठ त मंतमस्य
३. द. ३ ।