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गाथा : १३६ ]
पढमो महाहियारो विशेषार्थ :-गाथा १३७-१३८ के अनुसार लोककी प्राकृति निम्नांकित है :
खडे मृदंग सहश जर्वलोक
वेत्रासन सदृश
अधोलोक
अधोलोकका माप एवं प्राकार तं मझे मुहमेककं भूमि जहा होदि सत्त रज्जूवो ।
तह छिदिवम्मि मज्झे हेट्ठिम-लोयस्स आयारो ॥१३६॥
अर्थ :- उस सम्पूर्ण लोकके बीचमेंसे जिसप्रकार मुख एक राजू और भूमि सात राजू हो, इसप्रकार मध्य में छेदनेपर अधोलोकका आकार होता है ॥१३६।।