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विषय-सूची
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ऊँचाई
पिवीके छत्तीस भेद इस जीवोंका वर्णम ९४-९६ इन्द्रियोंकी संख्या और भेद इन्द्रिय और भाबेन्द्रिय इन्द्रियोंके नाम इन्द्रिय और मनका विषय किन किन जीवोंके कौन कौन
इन्द्रिय होती है ? संत्री जीपका स्वरूप विग्रहगतिमें जीवकी गतिका कारण ९९ गतिका नियम सुन्तजीवकी गतिका नियम १०० संसारी जीवकी गतिका नियम और समय
१०१ विग्रहगतिमें जीव कितनेसमय
तक अनाहारक रहता है १०१-१०२ जन्मके भेद योनियोंके भेद और स्वरूप किन किन जीवोंके कौन कौन योनि होती है
१०३ चौरासी लाख योनियां किन किन जीवोंके कौन कौन
जन्म होता है १०३-१४ शरीरके भेद और स्वरूप १०४-१०५ पारीरोंमें परस्परमें विशेषता तैजस और कामण शरीरकी विशेषता एक जीवके एक साथ कितने
शरीर हो सकते हैं १०६-१०७ मार्मण शरीरकी विशेषता १०७ किस जन्मसे कौन शरीर होता है १०७ आहारका शरीरका स्वरूप
और स्वामी 'किन किन जीवोंके कौन कौन
लिग होता है 'किन किन जीवोंका अकाल मरण नहीं होता।
सृतीय अध्याय नरकोके नाम, वातवलयोंका
३६९ | स्वरूप, नरकोंमें प्रस्तारों२६९ की संख्या आदि
३७० नरकोंमें बिलोंकी संख्या ११४ ३६७-७१ | नारकी जीवोंका स्वरूप और विशेषला
११५-११० १७१ | नारकी जीवोंके शरीरकी
११५ ३८. ३७१ नारको जीवोंकी आयु ११७-१२१ ३८१
कौन-कौन जीव. किस-किस ૨૨
नरक नक जाते हैं १२१ एक जीव कितने बार लगा
तार नरकम जा सकता है १२२
प्रथम आदि नरकासे निकल२७३ | कर जीव कौन-कौनसी
पर्याय प्राप्त कर सकता है १२२ १८२ महादर्शकमध्यलंकमयागामिसिागर जी महाराज ३७४ नाम विस्तार आदि १२२-१२४ ३८२ ३७४ जम्बूद्वीपके आकार विस्तार
| आदिका वर्णन १२४-१२५ .८३ ३७४ भग्त आदि मात क्षेत्रोंका ३७४ | नया क्षेत्रवर्ती जीवोंकी
। आयु. वर्ण आदिका वर्णन १२५-१३५ ३८३-८६ ३७५ | दश प्रकारके कल्पवृक्षों १२६-१२७ ३८४ ३७५ | छह पर्वतोंके नाम. परिमाण. ३७५ | वर्ण आदिका वर्णन १३०-१३१ ३८६-८७
पन्न आदि छह हृदोंके नाम, ३७६ । परिमाण, हृवर्ती कमल आदिका वर्णन
३८७ ३७७ कमलोमें रहनेवाली श्री आदि १७७ देवियोंकी आयु, परिबार. ३७७ आदिका वर्णन
गंगा आदि चौदह नदियाँ १३३-१३६ ३८८-९० ३७८ ; भरतक्षेत्रका विस्तार
अन्य क्षेत्रोंका विस्तार १३७-१३८ ३९०-३९१ ३.३८ : भरत और ऐरावत क्षेत्रमें
कालचके अनुसार मनुष्यों २७८ की आयु आदिकी वृद्धि और
| हानिका वर्णन १३८-१४२ ३२१
चौदह कलकरोंके कार्य १३९-१४० ३९१-२२