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________________ विषयसूची ३५६ विषय मूल पृष्ठ हिन्दी - विषय मूल पृष्ठ हिन्दी मंगलाचरण मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुवासापोपची निधिवका अवधिमोक्षके स्वरूप में विवाद ३२९ | शानका स्वरूप और भेद ७१-७२।। मोक्षप्राप्तिके उपायमें विवाद ३३० । मनःपर्यय ज्ञानके भेद और मोक्षमार्गका वर्णन ११० । स्वरूप ७२-७३ सम्यग्दर्शनका स्वरूप ३३० | ऋजुमति और विपुलमतिसम्यग्दर्शनके भेद ३३१ | मनःपर्ययज्ञानों में विशेषता ३५७ जीवादि सात तत्त्वोंका वर्णन ३३१ ' अवधि और मनःपर्यमचार निक्षेपोंका वर्णन ३३२ । मानमें विशेषता ७ ३-७४ प्रमाण और नयका वर्णन ३३३ । मनःपर्ययज्ञान किन किन निर्देश आदिका स्वरूप जीवोंके होता है "चौदह मार्गणाओंकी अपेक्षा मति आदि शानोंका विषय सम्यग्दर्शनका वर्णन ९-११ ३३४, ३५ । ७८-७५ एक जीबके एक साथ कितने सम्यग्दर्शनके साधन, अधि सान हो सकते हैं करण, स्थिति और विधान का वर्णन कुमति आदि तीन मिध्यासम्यग्दर्शनके आज्ञा आदि शानोंका वर्णन दश भेवोंका स्वरूप मति आदि तीनशान मिथ्या सत्, संख्या आदिका स्वरूप १४ । क्यों होते हैं ३५९ सरप्रकपणाका वर्णन नंगम आदि सात नय ७७-८० ३६०-६२ संसपाप्ररूपणाका वर्णन द्वितीय अभ्यास १५-२३ क्षेत्रप्ररूपणाका वर्णन जीवके पांच असाधारण भाव स्पर्शनप्रस्पणाका वर्णन पांच भावोंके भेद २५-३२ ३४१ कालप्ररूपणाका वर्णन औपमिक भावके दो भेद ३२-४१ ३४१ अन्तरप्ररूपणाका वर्णन ४१-५२ क्षायिक भावके नव भेद भावप्ररूपणाका वर्णन क्षायोपशमिक भावके अठा ५२-५३ अल्पबहुल्वप्ररूपणाका वर्णन ५३-५६ रह भेद ८३-८४ मति आदि पांच ज्ञान औदायिक भावके इक्कीस भेद ३४५ | प्रमाणका स्वरूप छह लेश्याओंके दृष्टान्त ३६५ परोक्ष और प्रत्यक्ष प्रमाण ५९-६० ३४६ पारिणामिक मावके तीन भेद मतिमानका स्वरूप ३४७ । जीबका लक्षण ८५-८६ मतिमानके कारण ३४८ | उपयोगके भेद मतिजानके भेदोंका वर्णन ६२-६५ ३४८-३५० । जीबोके संसारी और मुक्तश्रुतशानका स्वरूप और भेद ६५-७० ३५१-२५५ ! की अपेक्षा दो भेद ८६-८७ ३६६ भवप्रत्यय अवधिज्ञान ७१ ३५५ | पांच परिवर्तनोंका स्वरूप ८७.९१ ३६६-६८ देव और नारकियोंके अवधि संसारी जीवोंके भेद ९१-९२ शानका विषय ७१ ३५५ । स्थावर जीवोंके पांच भेद १२.१४ ३८ ३६२ ar ३४४ ५८
SR No.090502
Book TitleTattvarthvrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinmati Mata
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages648
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
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