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अन्य क्षेत्रोंमें कालका परि वर्तन नहीं होता है। रंगवत आदि क्षेत्रवर्ती जीवों की आय आदिका वर्णन भरत क्षेत्रका बिस्तार समुद्र बड़वालोंका वर्णन
घातकीखण्ड और पुष्करार्ध
३९५-९६
द्वीपमें क्षेत्रादिकी संख्या १४५-१४६ मनुष्य कहां होते हैं मनुष्योंके भेद
१४६ ३९६ | १४६-१५० ३१६-४०० १५०-१५१
कर्मभूमियोंका वर्णन
४००
विजय आदि विमानोंके देवों को कितने भव धारण करने पड़ते हैं तिर्यञ्चोंका स्वरूप तिर्योंकी का दर्शक १५९- आचार्य श्री सुविद्येिनिसका महराज १७०-१७७ ४१२-४१५ तीन पत्योंका स्वरूप १५२-१५३
१६९-१७०
कर्मभूमिवर्ती मनुष्यों और
१७०
४०२
चतुर्थ अध्याय
व्यन्तरोंके आठ भेद
ज्योतिषी देवोंके भेद तथा
पृथिवीतल से
देवोंके मूलभेद
देवोंकी लेश्याओं का वर्णन
देवोंके उत्तर भेद
१५४-१५५
देवta इन्द्र आदिकी व्यवस्था १५५-१५६ देवोंमें इन्द्रिय सुखका वर्णन १५६-१५८ भवनवासियोंके भेद
निवास,
ऊंचाई आदि
ज्योतिषी देवोंकी गतिका नियम
१४२
द्वीप और समुद्रोंमें ज्योतिषीदेवोंकी संख्या ज्योतिषी देवोके निमित्तसे व्यवहारकालकी प्रवृसि मानुषोत्तर पर्वतके बाहर ज्योतिषीदेव अवस्थित हैं ज्योतिषी देवोंके विमानोंका विस्तार
वैमानिक देवोंका स्वरूप, मेद, स्थान आदि सोलह स्वगों के नाम तथा पटलोंका वर्णन
१४२-१४३
१४४
१४४
१५४
१५४
१५८
१५९
१५९-१६०
१६०
१६०-१६१
१६१
१६१
१६१
विषय-सूची
१६२
३९३
३९४
३९४
३९४
४०३
४०३
४०३
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४०४
४०५
४०५
४०५-६
४०६
४०६
४०६
४०६-७
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૪૦૭
। वैमानिक देवोंमें परस्पर में विशेषता
वैमानिक देवोंके शरीरकी
ऊँचाई
१६७
वैमानिक देवोंकी लेश्याएं १६७-१६८
कल्प कहां है
१६८
लौकान्तिक देवोंका स्वरूप,
स्थान और भेद
अजीवकाम द्रव्योंके नाम
द्रव्य कितने है वैशेषिकाभिमत
पांचवा अध्याय
द्रव्यांका
खण्डन
द्रव्योंकी विशेषता
द्रव्योंके प्रदेशोंकी संख्या
जीवादि द्रव्योंका निवास
धर्मादि द्रव्यों का स्वभाव
४०६ वस्तुमें अनेक धर्मोकी सिद्धि
पुद्गल परमाणुओंके परस्पर बन्ध होनेका नियम
बन्धकी विशेषता
पुद् गल द्रव्यका लक्षण पुद् गलके भेद
१६६-१६७
स्कन्ध और अणुकी उत्पत्ति कैसे होती हूँ ?
द्रव्यका लक्षण
नित्यका लक्षण
द्रव्यका लक्षण कालद्रव्यका वर्णन गुण और पर्यायका लक्षण
१६८-१६९
योगका लक्षण
आवका लक्षण
१६२ - १६६ ४०७-१० | शुभ अशुभ योगके निमित्तसे
४१०
४१०
४११
१८०
१८१-१८२४१७-४१८
छठवाँ अध्याय
४११
४१२
४१२
१७८ ४१६ ४१६
१७९
१८३-१८४
४१८
१८४-१८६
४१९
१८८-१९५ ४२० १९५-१९८ ४२०-४२७ १९८ ४२७
१९९-२०० ४२७-४२८ २००-२०१
२०१-२०२
२११
२११-२१२
४१६
२०३-२०५
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२०६ ४३१ २०७-२०८
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४३२
२०८ २०९ २१०
४३३
४२८
२०२४१८-४१०
४३४
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