________________
३१६ ]
सुखबोधायां तत्त्वार्थ वृत्तौ
उत्पद्यते । द्विप्रदेशस्य स्कन्धस्याणोश्च त्रयाणां चाणूनां संघातात्तिप्रदेशः । द्वयोर्द्विप्रदेशस्कन्धयोस्त्रिप्रदेशस्कन्धस्यारणोश्चतुर्णां संघाताच्चतुः प्रदेश: स्कन्ध उत्पद्यते । एवं संखेचयानामसंखेच' यानामनन्तानां च संघातात्तावत्प्रदेशः स्कन्धो जायते । एषामेव स्कन्धानां भेदाद्विप्रदेशपर्यन्ताः स्कन्धा उत्पद्यन्ते । एवं भेदसंघाताभ्यामेकसमयिकाभ्यां द्विप्रदेशादयः स्कन्धा उत्पद्यन्ते । अन्यतो भेदनादन्यस्य संघातेनेति । एवमुक्तानामणुस्कन्धानामविशेषेण भेदादिहेतुकोत्पत्तिप्रसङ्ग विशेषप्रतिपत्त्यर्थमाह
भेदादणुः ।। २७ ।।
भेदादेवाणुरुत्पद्यत इति सम्बन्धः । तह्य वकारोऽत्र नियमार्थः कथं न कृत इति चेत्तन्नसामर्थ्यादिवधारणप्रतीतेरेव कारावचनमब्भक्षवत् । यथा न कश्चिदपो न भक्षयतीत्यब्भक्षणे सिद्धे भक्षकोऽयं देवदत्त इति वचनादप एव भक्षयतीत्यवधारणं गम्यते तथा भेदसंघातेभ्य उत्पद्यन्त
परमाणुओं के संघात से स्कन्ध उत्पन्न होता है । दो प्रदेश वाला स्कन्ध और एक अणु संघात से तथा तीन अणुओं के संघात से तीन प्रदेश वाला स्कन्ध उत्पन्न होता है । दो-दो प्रदेश वाले स्कन्धों के संघात से अथवा तीन प्रदेशी स्कन्धः और एक परमाणु इस प्रकार चार के संघात से चार प्रदेशी स्कन्ध उत्पन्न होता है । इस तरह संख्येय असंख्येय और अनन्त परमाणुओं के संघात से उतने उतने प्रदेशों वाला स्कन्ध उत्पन्न होता है । इसी प्रकार एक ही समय में भेद संघात दोनों प्रक्रिया से दो प्रदेशी आदि स्कन्ध उत्पन्न होते हैं । इसमें एक किसी अन्य अंश का तो भेद होता है और अन्य किसी अंश का संघात होकर स्कंध बनता है ।
अणु और स्कंध दोनों के ही अविशेषरूप से भेदादि द्वारा उत्पत्ति होने का प्रसंग प्राप्त होने पर विशेष प्रतिपत्ति के लिये सूत्र कहते हैं
सूत्रार्थ - भेद से अणु की उत्पत्ति होती है । अणु की उत्पत्ति भेद से ही होती है ऐसा सम्बन्ध है ।
प्रश्न - तो फिर सूत्र में एव शब्द नियम के लिए क्यों नहीं दिया ?
उत्तर - यह अवधारण की प्रतीति तो सामर्थ्य से ही होती है, इसलिए एव शब्द नहीं दिया है । जल भक्षण के समान, जैसे कोई व्यक्ति जल नहीं खाता (पीता) हो ऐसा नहीं हैं सभी जल तो लेते ही हैं इस तरह जल भक्षण का नियम सिद्ध होने पर 'यह देवदत्त जल भक्षण करता है' ऐसे वाक्य से केवल जल ही भक्षण करता है ऐसा अवधारण जाना ही जाता है, ठीक इसी प्रकार 'भेद संघातेभ्यः उत्पद्यंते' इस सूत्र द्वारा