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________________ विषय आहारक शरीर नपुंसक वेदी कौन है देवों में नपुंसक नहीं त्रिवेदी कौन है अपवर्त्य श्रायु नरक नाम नरक बिल नारक जीव नरक में प्रयु जम्बू द्वीप द द्वीपों का श्राकार जम्बूद्वीप कार भरतादि क्षेत्र बीस गज दन्त सम्बन्धी चार्ट कुलाचल नाम कुलाचलों के वर्ण कुलाचलों का आकार पद्मादि छह सरोवरों के नाम प्रथम सरोवर का कथन द्वितीयादि सरोवर सरोवर स्थित देवियां गंगादि चौदह नदियों का कथन भरत क्षेत्र का विस्तार अल्प क्षेत्रों का प्रमाण .... भरत ऐरावत क्षेत्र में काल परिवर्तन अन्य क्षेत्रों में काल परिवर्तन नहीं भोगभूमि में आयु प्रमाण .... .... .... ... तृतीय प्रध्याय [ रत्नप्रभादि भूमियां त्रसनाली में हैं ] ... .... .... .... www. ( २३ ) .... .... .... .... .... www. .... 0.00 .... .... [ शाश्वत भोग भूमिजों की जघन्य उत्कृष्ट आदि रूप आयु है ] सूत्र ४९ ५० ५१ ५२ ५३ ३ / ५ १० ११ १२ १३ १४ १५/१७ १८ १९ २०/२३ २४ २५/२६ २७ २८ २९ पृष्ठ ११६ ११.७ ११८ ११८ ११८ १२४ १२९ १३०/१३२ १३३ १३४ १३५ १३६ १३७ -१५१ १५२ १५५ १५६ १५६ १५६ / १५७ १५८ १५९ १६०/१६३ १६४ १६५/१६६ १६६ १६८ १६८
SR No.090492
Book TitleTattvartha Vrutti
Original Sutra AuthorBhaskarnandi
AuthorJinmati Mata
PublisherPanchulal Jain
Publication Year
Total Pages628
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
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