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पंचमोऽध्यायः
[ ३११ परिणामा अागमे इष्टास्तेषामिह चशब्देन समुच्चयः क्रियते । ततश्च शब्दादयः पुद्गलपर्यायाः सामान्यविशेषवत्वे सत्यस्मदादिबाह्यन्द्रियग्राह्यत्वात्पद्मगन्धवदिति सिद्धम् । न पुनराकाशादिपर्यायास्त इति । अत्र कश्चिदाह-यदि स्पर्शादयश्च शब्दादयश्च पुद्गलानामेव परिणामास्तह्यक एव योगः कर्तव्यो न पृथगिति । अत्रोच्यते-पृथक्करणं केषां चित्सुद्गलानामुभयपर्यायज्ञापनार्थं क्रियते । स्पर्शादयो हि परमाणूनां स्कन्धानां च भवन्ति । शब्दादयस्तु स्कन्धानामेव व्यक्तिरूपेण भवन्ति । सौक्ष्म्यवा इत्येतस्य विशेषस्य प्रतिपत्त्यर्थं पृथग्योगकरणम् । सौक्ष्यं पुनरन्त्यं परमाणुष्वेव । आपेक्षिकं स्कन्धेषु भवति । तस्येह सूत्रे करणं स्थौल्यप्रतिपक्षप्रतिपत्त्यर्थम् । इदानीं पुद्गलानां भेदप्रतिपत्त्यर्थमाह
उद्योत कहते हैं । ये पुद्गल की पर्यायें हैं । तथा इसी प्रकार अन्य भी नोदन अभिघात आदि पुद्गल के परिणाम आगम में इष्ट हैं उनका च शब्द से ग्रहण किया है। इस तरह अनुमान प्रमाण से सिद्ध होता है कि शब्दादिक पुद्गल की पर्याये हैं ( पक्ष ) क्योंकि सामान्य विशेषात्मक होकर बाह्य इन्द्रिय द्वारा ग्राह्य है (हेतु) जैसे-गन्धादि पदार्थ बाह्य न्द्रिय ग्राह्य होने से पुद्गलात्मक है । अतः ये शब्दादिक आकाश आदि की पर्यायें नहीं हैं।
शंका-यदि स्पर्शादि और शब्दादिक पुद्गलों के ही परिणाम हैं तो फिर दोनों एक सूत्र में करने चाहिए । पृथक् नहीं करना चाहिए।
___समाधान-कोई पुद्गल दोनों स्वरूप होते हैं ( स्पर्शादि रूप और शब्दादि स्वरूप) इस बातको बतलाने के लिये पृथक्-पृथक् सूत्र रचे हैं। देखिए ! स्पर्शादिक तो परमाणु और स्कन्ध दोनों में पाये जाते हैं। और शब्दादिक पर्यायें तो स्कन्धों में ही व्यक्त होती हैं केवल एक सौक्षम्य को छोड़कर अर्थात् अन्तिम सौक्ष्म्य तो परमाणु में है किन्तु अन्य पर्यायें परमाणु में नहीं है । इस विशेष को बतलाने हेतु भी दो सूत्र किये गये हैं । भाव यह है कि अन्त्य सौम्य परमाणुओं में ही होता है और आपेक्षिक सौम्य स्कन्धों में पाया जाता है । सौक्षम्य स्थौल्य का प्रतिपक्षी है इस बातको बतलाने हेतु यहां सूत्र में सौक्षम्य को ग्रहण किया है अर्थात् शब्दादि पर्यायें तो स्कन्धों में पायी जाती है एक केवल अंतिम सौक्ष्म्य है वह परमाणु में रहता है स्कन्धों की पर्यायों के साथ यह सौक्ष्म्य इसलिए लिया है कि वह स्थौल्य का प्रतिपक्ष रूप है ।
अब पुद्गलों के भेद बतलाते हैं