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________________ ११४ ] सुखबोधायां तत्त्वार्थवृत्ती निरुपभोगमन्त्यम् ॥ ४४ ॥ इन्द्रियद्वारेण शब्दादीनामुपलब्धिरुपभोगः । उपभोगान्निष्क्रान्तं निरुपभोगम् । सूत्रपाठापेक्षयान्तेभवमन्त्यं कार्मरणशरीरमुच्यते । तद्विग्रहगताविन्द्रियलब्धौ सत्यामपि द्रव्येन्द्रियनिष्पत्त्यभावाच्छब्दाधुपलम्भनिमित्तं न भवति । तैजसं पुनर्योगनिमित्तत्वाभावादेवानुपभोगं सिद्धमिति तन्नेह तथोक्तम् । उक्तलक्षणेषु जन्मसु शरीरोत्पत्तिनियमप्रदर्शनार्थमाह गर्भसम्मर्छनजमाद्यम् ॥ ४५ ॥ गर्भश्च सम्मूर्छनं च गर्भसम्मूर्छने । ताभ्यां जातं गर्भसम्मूर्छनजम् । सूत्रपाठक्रमापेक्षया आदौ भवमाद्यं प्रथममौदारिकमित्यर्थः यद्गर्भजं यच्च सम्मूर्छनजं तत्सर्वमौदारिकमिति वेदितव्यम् । वैक्रियिकं कस्मिन् जन्मनि प्रादुर्भवतीत्याह सत्रार्थ-अंतिम शरीर उपभोग रहित होता है। इन्द्रिय द्वारा शब्दादि की उपलब्धि होना उपभोग कहलाता है उस भोग से रहित को निरुपभोग कहते हैं। सूत्र पाठ की अपेक्षा जो अन्त में है उसे अन्त्य कहते हैं अर्थात् कार्मण शरीर। विग्रह गति में लब्धिस्वरूप इन्द्रियां [ क्षयोपशम स्वरूप भावेन्द्रियाँ ] होने पर भी द्रव्येन्द्रियों की रचना के अभाव होने के कारण शब्दादि के ग्रहण का निमित्त उक्त कार्मण शरीर नहीं हो पाता अर्थात् वह शरीर शब्दादि ग्रहण नहीं कर पाता । क्योंकि द्रव्येन्द्रियां ही नहीं हैं। ___ यद्यपि तैजस शरीर भी उपभोग रहित है, किन्तु वह योग का भी कारण नहीं है इसी से उसका निरुपभोगपना सिद्ध है अतः यहाँ पर उसका ग्रहण नहीं किया है। शंका-गर्भ आदि कहे गये जन्मों में शरीरों की उत्पत्ति का क्या नियम है ? समाधान-अब इसी का कथन करते हैं सत्रार्थ-गर्भ जन्म वाले के और सम्मूर्छन जन्म वाले के आदि का औदारिक शरीर होता है । गर्भ और सम्मूर्छन पद में द्वन्द्व समास है उन दो जन्मों से जो पैदा होता है वह सूत्र पाठ की अपेक्षा आदि में जो हुआ वह आध अर्थात् पहला औदारिक शरीर । जो गर्भज है और जो सम्मूछेज है वह सर्व ही औदारिक शरीर है ऐसा जानना चाहिये । वैक्रियिक शरीर किस जन्म में उत्पन्न होता है ऐसा प्रश्न होने पर सूत्र कहते हैं
SR No.090492
Book TitleTattvartha Vrutti
Original Sutra AuthorBhaskarnandi
AuthorJinmati Mata
PublisherPanchulal Jain
Publication Year
Total Pages628
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
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