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________________ रघातगा .JJA.! कोडासाहित्य 1. आध्यात्मिक क्रीडालय :है खेल-खेल में गहम काम की प्रति के उपाय को प्रदर्शित है करने वाले यह क्रीड़ालय है। इसमें तोल मोल के बोल, चौबीस । तीर्थकर, बारह भावना, णमोकार मन्त्र, एक दिवसीय क्रिकेट और। सॉपसीढ़ी है। छह खेलों के क्रीडापट के साथ छह सौ प्रश्नों वाली है पुस्तक और सम्पूर्ण आवश्यक सामग्री भी है। सहयोग राशि:-५० रुपये 1. माननिधि क्रीडालय यया नाम तथा गुण इस उक्ति को सार्थक करने वाली यह । पावन कृति है। बालकों को सहजरूप से धार्मिक ज्ञान प्रदान करने वाली यह कृति समाज में अबतक इकलौती है। नौ सौ नब्बे प्रश्नों । वाली पुस्तक और सम्पूर्ण आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है। सहयोग राशि :-५० रुपये ज्ञानार्जन क्रीडा मन्दिर दूरदर्शन पर कौन बनेगा करोड़पति ? नामक एक क्रीड़ालय । का प्रसारण हो रहा था। उसी के आधार पर ९० धार्मिक और ९० सामाजिक प्रश्न लेकर बनाया हुआ यह क्रीड़ा मन्दिर है। धार्मिक प्रश्न हो अथवा सामाजिक। अनेक विषयों के आधार से प्रश्नों का संकलन किया गया है। इसतरह का क्रीड़ालय जैन समाज में प्रथम बार ही प्रकाशित हुआ है। सहयोग राशि :-३५ रुपये सन्मति क्रीडालय ताश के ५२ पत्तों के माध्यम से जैनधर्म की शिक्षा देने याला यह अनुपम क्रीड़ालय है। अनोखे प्रश्नों से युक्त जैन समाज । में प्रकाशित हुआ इसतरह का अद्वितीय क्रीड़ालय लेने में प्रमाद मत । कीजियेगा। सहयोग राशि:-३५ रुपये
SR No.090486
Book TitleSwatantravachanamrutam
Original Sutra AuthorKanaksen Acharya
AuthorSuvidhisagar Maharaj
PublisherBharatkumar Indarchand Papdiwal
Publication Year2003
Total Pages84
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size2 MB
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