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चित्र-परिचय ]
पृ ४० चित्र ५६
विमाता के अपराधों के लिये सुगंधा द्वारा राजा से क्षमा-याचना
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नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर दो प्रासादों का अंकन है । दाहिनी ओर के प्रासाद की पीली पृष्ठ भूमि में सुगंधा राजा से फिली के व्यवहार के लिये क्षमा मांग रही है । राजा नीले रंग के बड़े गेड़ए तकिए के सहारे बैठा है, और उसके सामने सुगंधा खड़ी है । पंगरखा लाल रंग का धारीदार है । यह कमर में हरे रंग का पटका बांधे है। सुगंधा पीले रंग की बोली तथा लाल रंग का घाघरा पहने है, जिस पर पीला पटका है । उसकी श्रोढ़नी बैंगनी रंग की है। चित्र में दांयी ओर प्रासाद की बैंगनी पृष्ठ भूमि में रूपिणी मुंह फेरे खड़ी है । उसकी श्रोदनी बैंगनी छापेदार तथा अन्य वस्त्र लाल रंग के हैं । आकार ७४५३ इंच ।
पृ० ४१ चित्र ६०
सुगंधा राजा की पटरानी हुई
नीले और बैंगनी रंग की पृष्ठ भूमि पर राजभवन मे काष्ठासन पर राजा और पटरानी सुगंधा बैठी है। पीछे एक परिचारिका खड़ी है। राजा का अंगरखा धारीधार लाल रंग का है । सुगंधा की चोली गहरे हरे रंग की तथा घाघरा पीले रंग का है, जिस पर पेदार पीला पटका है। श्रोढ़नी का रंग बेंगती है । आकर - X ५ इंच |
पृ० ४२ चित्र ६१
गंधा की जिन भक्ति
पटरानी सुगंधा जिल-मंदिर में प्रतिदिन धर्म-साधन के लिये जाने लगी । नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर जिन मंदिर में तीर्थंकर देव विराजमान हैं, तथा उनके बांयी ओर अंजलि मुद्रा में सुगंधा खड़ी है। दाहिनी ओर तीन दिगंबर मुनि खड़े हैं। मंदिर के शिखर पर कलश है। प्राकार ६४४ इंच ।
पृ० ४२ चित्र ६२
सुगंधा का शास्त्रानुराग
बैंगनी पृष्ठभूमि पर मुनिराज धर्मोपदेश कर रहे हैं, तथा हाथ में शास्त्र लिये अंजलिमुद्रा में सुगंधा खड़ी है। उसके पीछे तीन और स्त्रियां अंजलिमुद्रा में खड़ी हैं। मुनिराज का शरीर हलके पीत वर्ण का है। सुगंधा की चोली और घाघरा लाल रंग का तथा पटका गहरे हरे रंग का है। वह हलके बैंगनी रंग की बुंदकी दार ओढ़नी मोड़े है । सुगंधा के पीछे खड़ी स्त्रियों में एक की चोली लाल रंग की तथा घाघरा नीले रंग का है, जिसपर पीला पटका लटक रहा है। दूसरी स्त्री को चोली और घाघरा हरे रंग का तथा पटका लाल रंग का है । तीसरी स्त्री की चोली गहरे हरे रंग की तथा घाघरा पीले रंग का है, जिस पर लाल पटका लटक रहा है। आकार ६४४ इंच ।