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________________ [ सुगंधवामी कथा पृ० ४३ चित्र ६३ देवागमन नीली पृष्ठभूमि पर जिनमंदिर में तीर्थकर देव विराजमान हैं । मंदिर के बैंगनी शिखर पर पीला कलश तथा ध्वजायें हैं । जार प्राकाश में एक विमान-स्थित देव है । विमान में लाल ध्वजायें तथा घंटियां लगी हैं। उस में बैठे देव के वस्त्र धारीदार हैं, और मुकुट लाल पीला है । सुगंधा और देव ने तीर्थंकर की वंदना की । प्राकार ८१ X ५ इंच । पृ० ४४ चित्र ६४ . सुगंधा और देव का सुगंधदशमो व्रत के फल के विषय में यार्तालाप देव ने सुगंधा को भवान्तरों की बात बतायी कि सुगंध दशमी व्रत के प्रभाव से वह देव हुआ है, और उसी त के प्रभाव से वह सुगंधा हुई है। लाल रंग की पृष्ठभूमि पर पीले फर्श पर गद्देदार तकियों के सहारे सुगंधा और देव बैठे हैं । सुगंधा को देव कह रहा है कि वह निरन्तर जिनदेव की आराधना-पूजा करे करावे । देव के वस्त्र लाल रंग के तथा सुगंधा के हरे रंग के हैं । चित्र के निचले अर्धभाग में बैंगनी. पृष्ठभूमि पर लाल फर्श पर सुगंधा बैठी है, और सामने वह देव एक हरे रंग का दिव्य वस्त्र प्रदान कर रहा है । प्राकार ६४६ इंच। पृ० ४५ चित्र ६५ देव का प्रयाण सुगंधा को दिव्य वस्त्र और ग्राभूषण देकर देव चला गया । नीले रंग की पृष्टभूमि में ऊपर आकाश में विमान में बैठा देव जा रहा है । देव के वस्त्र लाल छापेदार, पटका हरा तथा मुकूट हरे रंग का है । प्राकार ८४४ इंच । पृ० ४५ चित्र ६६ सुगंधा की ख्याति व लोक प्रियता और सम्मान सुगंधा का अभिवादन करती हुई तीन स्त्रियां खड़ी हैं । सुगंधा लाल रंग की धारीदार चोली तथा हलके रंग का घाघरा पहने है, जिस पर लाल रंग का पटका है। वह बैंगनी रंग की झीनी मोड़नी प्रोढ़े है । अन्य स्त्रियों के वस्त्र क्रमशः बैंगनी और लाल, बैंगनी और हलके हरे तथा लाल और गहरे हरे रंग के हैं। प्राकार ९४५३ इंच । पृ० ४६ चित्र ६७ ग्रंथ-समर्पण लाल रंग की पृष्ठभूमि पर आसन पर ग्रंथ-रचयिता थो जिनसागर के गुरु भट्टारक देवेन्द्र कीति विराजमान हैं। उनके दाहिने हाथ में समर्पित ग्रंथ है । सामने हाथ में पीछी लिये जिनसागर खड़े हैं । गुरु के शरीर का रंग गहरा बैंगनी तथा जिनसागर का हलका पीला है । जिनसागर का अधोवस्त्र हरे रंग का धारीदार है। प्राकार ५३४४ इच । ..
SR No.090481
Book TitleSugandhdashmi Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1966
Total Pages185
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Biography
File Size5 MB
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