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पृष्ठ २६ चित्र ३६
महाजन की सहानुभूति
सुगंधा का समाचार सुनकर संबंधी खिन्न हुए । चित्र की पृष्ठभूमि नीले रंग की है। एक ओर पीली पृष्ठभूमि में लाल रंग की धारीदार चोली और घाघरा पहने हरे रंग के तकिये के सहारे रूपिणी बैठी है। सामने गहरे हरे रंग की पगड़ी और बुंदकीदार चोगा पहने एक पुरुष खड़ा हुआ खेद व्यक्त कर रहा है। प्राकार ७ X ३ इंच ।
पृ० २७ चित्र ३७
[ सुगंधदशमी कथा
राजा-रानी
नीले रंग की पृष्ठभूमि में ऊपर आधे चित्र में राजा-रानी बैठे हैं । निचले आधे में महल के दो द्वार दिखाये गये हैं । राजा गहरे रंग का लम्बा चोगा पहने है, तथा सिर पर लाल पगड़ी है । पीछे हरा गेहुआ तकिया रखा है । रानी लाल रंग के धारीदार वस्त्र पहने है, तथा बुंदकीदार बैंगनी प्रोढ़नी घोड़े है । वाजाने प्रपने महत र के मकान में सुगंधा को देखा और वह चकित रह गया । प्राकार ७ X ३ इंच |
पृ० २८ चित्र ३८
श्मशान में राजा की सुगंधा से भेंट
नीले रंग की पृष्ठभूमि में सुगंधा बैठी है, तथा सामने एक हाथ में शस्त्र लिये राजा प्रश्न - मुद्रा में खड़ा है । ऊपर आकाश में चंद्रमा खिला है। राजा का धारीदार चोगा और पगड़ी बैंगनी रंग के है, तथा गले में छापेदार दुपट्टा और कमर में गहरे हरे रंग का पटका बांधे है । सुगंधा लाल रंग की धारीदार चोली और प्रधोवस्त्र पहने है, तथा बैंगनी रंग की घोनी घोड़े है । आकार ७३ X ५३ इंच ।
पृ० २६ चित्र ३६
सुगंधा का स्वयंवररण
राजा ने सुगंधा से उसके पिता के द्वीपान्तर जाने तथा विमाता रूपिणी द्वारा बर की प्रतीक्षा में श्मशान में प्राने का समाचार सुनकर स्वयंवरण करना स्वीकार कर लिया । गहरे बैंगनी रंग की पृष्ठभूमि में ऊंचे पीले धारीदार मूढ़े पर सुगंधा बैठी है, और सामने स्वीकृति रूप हस्त-स्पर्श करता हुआ राजा खड़ा है । राजा हल्के बैंगनी रंग का चोगा पहने है, तथा दाहिने हाथ में शस्त्र लिये है । सुगंधा के वस्त्र लाल रंग के और लोहनी गहरे बैंगनी रंग की है, जिस पर सफेद बुंदकियां हैं। आकार ६४५३ इंच |