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चित्र-परिचय ] पृ० २३ चित्र ३२,
यर का कन्या-दर्शन गुणपाल नामक कुमार विवाह की दृष्टि से कन्या को देखने के लिये पाया । रूपिणी ने श्यामा को आगे तया सुगंधा को पीछे करके गुणपाल को दिखलाया। चित्र में नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर महल का अंकन है । उस में नीली पृष्ठभूमि में रूपिणी खड़ी है । उसके सामने गुणपाल की ओर मुंह करके सुगंधा तथा झ्यामा बैठी हैं । दांयी ओर नीली पृष्ठ भूमि में गुणपाल बैठा है । गुणपाल की पगड़ी और धारीदार अंगरखा लाल रंग का है, तथा हरे रंग का पट का कमर में बाँचे हैं । इसके आसन का रंग भी गहरा हरा है । रूपिणी का संहगा लाल रंग का है, जिस पर हरे रंग का फड़का है। कन्याओं में सुगंधा के वस्त्र लाल तथा श्यामा के गहरे हरे हैं । प्राकार ६ x ६ इंच । पृ० २४ चित्र ३३
विवाह मंडप, रूपिणी द्वारा सुगंधा का अपनयन नीले रंग की पृष्ठभूमि में विवाह मंडप है । दाहिनी ओर रूपिणी सुगंधा का हाथ पकड़कर उसे घर से बाहर ले जा रही है। रूपिणी गहरे बैंगनी रंग की बुंदकीदार प्रोढ़नी, धारीदार, पीली चोली तथा हरे रंग का घाघरा पहने है, और उसके ऊपर हलके बैंगनी रंग का फड़का है । सुगंधा पीले रंग का घाघरा और लाल चोली पहने है । चित्र के निचले भाग में गहरे रंग के दो गेडुवे तकिये ,रखे हैं। उन्हीं के पास में पीले रंग का एक चंगेरी सा कुंड रखा है । प्राकार ८४६ इंच । पृ० २५ चित्र ३४
रूपिणी ने सुगंधा को श्मशान में जा बैठाया नीले रंग की पृष्ठभूमि में वैवाहिक आयोजन का दृश्य । चारों दिशाओं में चार दोपाधारों पर दीप प्रचलित हैं, तथा चारों दिशाओं में चार ध्वजायें लगायी गयी हैं। बीच में सजी हुई सुगंधा बैठी है । उसकी धारीदार गहरे रंग की चोली और लंहगे पर बुंदकियां हैं । वह बैंगनी रंग की प्रोढ़नी प्रोड़े है। सामने उसकी माता रूपिणी खड़ी है । कपट-हृदय रूपिणी ने सुगंधा को इस रात्रि में श्मशान में रखा । आकार ६४.५६ इंच ।
पृष्ठ २५ चित्र ३५
रूपिणी का कपट शोक - बैंगनी रंग की पृष्ठभूमि में । रूपिणी अन्य दो महिलाओं के सम्मुख झूठमूठ रो रही है कि सुगंघा विवाह के समय पता नहीं कहां चली गयी । रूपिणी सिर पर हाथ लगाये खेद प्रदर्शित कर रही है, तथा सामने बैठी दो स्त्रियां उसे समझा रहीं हैं। तीनों सुसज्जित स्त्रियां धारीदार लाल वस्त्र पहने हैं, और गहरे बैंगनी रंग की प्रोढ़नी ओढ़े हैं। आकार ६४२३ इंच।