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________________ [ सुगंधवशमी कथा पृ० २० चित्र २७ सेठ जिनदास सुगंधा साहित अलग रहने लगा हरी पृष्ठ भूमि में एक और जिनदास सेठ, दूसरी ओर सुगंधा बैठी है । उसकी पृष्ठ भूमि बैंगनी है । सुगंधा अलग अन्न-पान बनाने लगी, जिससे उनके पिता को सुख हुना। माकार ५४३ इंच। पृ० २१ चित्र २८ रूपिणी का कोप चित्र के प्राधे भाग की पृष्ठ भूमि नीली और आधे भाग की बैंगनी है । बीच में जिनदास सेठ पीला वस्त्र पहने खेद-खिन्न खड़े हैं। उनके पीछे उनकी दूसरी पुत्री लाल चोली और पोला घाघरा पहने खड़ी है । दांयी ओर रूपिणी क्रोध की मुद्रा में खड़ी हुई वस्त्र की झोली में कुछ लिये है। उसका घाघरा लाल और प्रोदनी बैंगनी रंग की है । प्राकार ५४३ इंच । पृ० २१ चित्र २६ राजा की सेठ जिनवास को द्वोपान्तर जाने की प्राज्ञा हलकी बैंगनी पृष्ठ भूमि पर एक पोर राजा बैठे हैं । उनका तकिया लाल और वेश नीला है । उनके सामने हाथ जोड़े सेठ बैठा है, जिसे वे द्वीपांतर जाने का आदेश दे रहे हैं । सेठ की पगड़ी और अंगरखा धारीदार पीले रंग के हैं । आकार ५४३१ इंच । पृ० २२ चित्र ३० सेठ जिनदास द्वारा रूपिणी को अपने विदेश-गमन की सूचना नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर रूपिणी लाल रंग के गेडुए तकिया का सहारा लेकर बैठी है । उसको चोली लाल रंग की, लंहगा धारीदार हरे रंग का और सितारेदार ओढ़नी बैंगनी रंग की है । सेठ का तकिया और पगड़ी लाल हैं, और अंगरखा पीले रंग का है, जिस पर लाल बूटी की छपाई है। प्राकार ५४३१ इंच । पृ० २२ चित्र ३१ सेठ जिनदास का प्रस्थान नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर जिनदास और उसकी पत्नी । सेठ पीला अंगरखा पहने द्वीपांतर को जा रहे हैं । पीछे अंजलि मुद्रा में खड़ी उनकी पत्नी उन्हें विदा दे रही है । स्त्री की ओढ़नी बैंगनी रंग की तथा घाघरा गहरे हरे रंग का है । चोली और सामने का लटकता फड़का लाल रंग का है । आकार ५४ ३३ इंच ।
SR No.090481
Book TitleSugandhdashmi Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1966
Total Pages185
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Biography
File Size5 MB
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