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चित्र-परिचय ]
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राजा के तकिये का रंग हरा और रानी के तकिये का हलका बैंगनी है। पीली पृष्ठभूमि पर घोड़े का रंग नीला है व पलारण बैंगनी धारियों से बनाया गया है, जिसकी गोट में पीले रंग के बुंदके हैं । प्राकार ५६ इंच |
पृ० १८ चित्र २३
सेठ जिनवास और उनकी द्वितीय पत्नी रूपिणी
नीले रंग की पृष्ठ भूमि पर एक ओर सेठ जिनदास बैठे हैं । उनका अंगरखा हरे रंग का धारीदार और फेंटा लाल रंग का है । उनके पीछे उनकी दूसरी पत्नी का चित्र है, जो घर के भीतर बैठी है। सेठानी का घाघरा लाल और चोली हरी व प्रोढ़नी बैंगनी रंग की है। बाहर उद्यान में एक हरा वृक्ष है, जिसके कुछ पत्ते पीले पड़ गये हैं व पृष्ठ भूमि का रंग गहरा बैंगनी है। प्राकार ७ X ५३ इंच ।
पृ० १६ चित्र २४
सेठ जिनवास का मित्रों से परामर्श
हलके हरे और पीले रंग की पृष्ठ भूमि में बैठे हुए सेठ जिनदास अपने दो मित्रों से परामर्श कर रहे हैं । सेठ जी का अंगरखा गहरे बंगनी रंग का है। सामने दो पुरुषों में से एक का नीले रंग का व दूसरे का बैगनी रंग का है। तीनों व्यक्ति कमर पटका बाँधे हैं। आकार ५ X ३ इंच ।
पृ० १९ चित्र २५
कन्या जन्म
हलके हरे और पीले रंग की पृष्ठ भूमि में सेठ की पत्नी के कन्या जन्म का दृश्य है । सेठानी दाहिनी ओर चौकी पर बैठी है । गोद में कन्या है । सामने पूर्ण घट लिये परिचारिका खड़ी है । वह बैंगनी रंग का सर्वांग चोगा पहने है। प्रोढ़नी का रंग लाल है, जिस पर काले बुंदके हैं। सेठानी का घाघरा हरे रंग का और चोली बैंगनी रंग की, तथा ओढ़नी लाल रंग की है । कन्या का मुख श्याम वर्ण है, और उसका शेष शरीर लाल वस्त्र से आच्छादित है । ग्राकार ५X४ इंच |
पृ० २० चित्र २६
रूपिणी का अपनी कन्या से पक्षपात
पृष्ठभूमि का रंग गहरा बैंगनी है । दाहिनी ओर जिनदास गेडुवा तकिया लगाये बैठा है। उसका जामा और पगड़ी दोनों नीले रंग के और दुपट्टा बेंगनी रंग का है। उनकी पत्नी कन्या से द्वेष करती है, और अपनी पुत्री को चात्र से सब कुछ लेती देती है । सेठ यह सब देखकर वेद खिम्न है। इस द्वितीय पुत्री का वर्ण काला और वस्त्र हरा है । रूपिणी हलका बैंगनी और पीला घाघरा और लाल चोली पहने है । उसका वर्ण श्वेत है । प्राकार ५X३३ इंच 1