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________________ चित्र-परिचय ] पृ० ४ चित्र ५ राजा-रानी का वन विहार चित्र की पृष्ठ भूमि नीले रंग की है। ऊपर के भाग में वनवृक्षों का दृश्य है। नीचे दो घोड़ों और दो पहियों से युक्त रथ है । रथ के ऊपर शिखर है । उसके प्रागे के ईषा भाग (धुरों) पर सारथी बैठा है। सामने एक अग्नेसर सेवक है । नीचे के भाग में तुरही फूकता हुमा एक पुरुष लाल धारीदार अंगरखा पहने हुये चल रहा है । चित्र में दाहिनी ओर एक सिंह पीर एक गुरु: निसाना राम : गह का बिहार के दृश्य से संगत है । चित्र में रथ का चौकोर बिन्यास उत्तम है, जिसके भीतर के उपस्थ भाग में राजा और रानी अंकित किये गये हैं 1 प्राकार ८४५ इंच। पृ. ५ चित्र ६ राजा-रानी को सुदर्शन मुनि का दर्शन पृष्ठभूमि का रंग नीला है । मासोपवासी मुनि का शरीर पुष्ट बनाया गया है । उनके पीछे एक वृक्ष है। वे दिगंबर है । उन्हें देखकर राजा ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया। राजा का धारीदार अंगरखा लाल रंग का है। उस पर हरे रंग का पटका है। रानी की साड़ी गहरे बैंगनी रंग की है । उसके पीछे भी वृक्ष बना है । प्राकार ३४५ इंच । पृ० ५ चित्र ७ राजा के प्रादेश पर रानी घर को लोटी _पृष्ठ भूमि हलके हरे रंग की है । चित्र में दाहिनी ओर राजा और रानी वृक्ष के नीचे खड़े परामर्श कर रहे है । दांयी ओर राजा के प्रादेशश से सनी मुनि को प्राहार कराने के लिये घर को लौट रही है। राजा का अंगरखा हलके बैंगनी रंग का सुनहले बुंदकोंदार तथा पगड़ी लाल है । रानी की साड़ी नीली और प्रोढ़नी तथा लहंगे के सामने का पटका लाल है। नीचे की भूमि गहरे बैंगनी रंग को है । प्राकार ४४५ इंच । पृ० ६ चित्र मनि की पड़गाहना और कड़वी तंबी का प्राहारदान हल्के हरे रंग की पृष्ठभूमि में मंडप के नीचे मुनि विराजमान हैं । सामने राजपुरुष हाथ जोड़े खड़ा है। मंदिर की गुम्मट लाल रंग की है । नीचे बैंगनी रंग का वितान है । मुनि का भरीर श्वेत वर्ण का है । उनके बांये हाथ में पीछी है, और सामने कमंडल रखा है । पीछे गोल (गेंहुवा) तकिया है । राजा का अंगरखा गहरे हरे रंग का है । चित्र के निचले भाग में रानी एक ओर कड़वो तूंबी लिये हुये है, और उसके सामने काटने के लिये औजार रखा है, और दूसरी पोर रानी मुनि को उसका पाहार करा रही है । चित्र की पृष्ठ भूमि लाल रंग की है, और कार बेंगनी रंग का वितान है। प्राकार ८४५ इंच ।
SR No.090481
Book TitleSugandhdashmi Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1966
Total Pages185
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Biography
File Size5 MB
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