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________________ यह पर मैत्री करुणा प्रमोद, माध्यस्थ भात्र गिनसो चारों | समता के सुख कर अंश कहे. मन भव्य जीव हिन्दी अनुवाद सहित -* -*- - २ इनकोधारो ॥ १६५ लागा दोय पिशाच के पी डे अति घणु रे, के पीड़े अति घणु रे । धवलसेठY चित्त के, वश नहीं आपगुं रे, के वश नहीं आपणुं रे ।।१।। उदक न भावे अन्न के, नावे नींद्रड़ी रे, के नावे नींदड़ी रे। उल्लस वालस थाय के, जक नहीं एक घड़ी रे, के जक नहीं एक घड़ी रे॥ मुख मूके निसास के, दिन दिन दुबलो रे, के दिन दिन दुबलो रे। रात दिवस नवि जाय के, मन बहु आमलो रे, के मन बहु आमलो रे ॥२॥ चार मल्या तस मित्र के, पूछे प्रेम सूं रे, के पूछे प्रेम सूं रे। कोण थयो तुम रोग के, झुरो एम शू रे, के झूगे एम शू रे ॥ के चिन्ता उत्पन्न के, कोईक आकी रे, के कोईक आकरी रे। भाई थाओ धीर के, मन काटुं करों रे, के मन काई करी रे ॥३॥ दुःख कहो अम तास के, उपाय विचारिये रे, के उपाय विचारिये रे। चिंता सायर एह के, पार उतारिये रे, के पार उतारिये रे॥ लज्जा मुकी सेठ के, कहे मन बितव्यु रे, के कहे मन चितव्युं रे। तव चारे कहे मित्र के, धिक ए शू लव्यु रे, के धिक् ए शू लव्यु रे ॥४॥ धवलसेठ की रोती सूरत देख लोगों को अनेक शंकाएं होने लगी। आखिर उनके मित्रों से रहा न गया। एक मित्र, सेठसाहार ! आप दिन प्रति दिन घुलते जाते हैं । क्या बात है ? दूसरा मित्र, सच मुच सेठजी की आंख अन्दर बैठ गई। गाल पिचकने लगे | धवलसेठ, अजी! चलता है। तीसरा मित्र, सेठसाहब ! आप संकोच न करें। कल रामा कहता था, "सेठ का जरा भी खाने पीने में मन नहीं लगता | सारी रात पलंग पर करवटें बदला करते हैं । नयनों में नींद नहीं । भगवान इनका राजी रखे" चौथा मित्र, समय पर ही तो अपने साथियों से सुख दुःख की बातें होती हैं। धवलसेठ-"क्या कहूँ कुछ कहा न जाय, कहे बिना रहा न जाय" | आप से क्या छिपा है ! मेरे रोग की जड़ है, श्रीपाल की संपत्ति और ललनाएं । सेठ की कुटिलता देख उनके साथियों का सिर ठनकने लगा । अरे यह सेठ है, या शठ ! इसका मुंह देखना भी पाप है। परनारी ने पाप के, भवो भव बूड़ी ए रे, के भवो भव बुडी ए रे । किम सुरतरुनो डाल के, कुहाड़े झड़िये रे, के कुहाड़े झूडिये रे ।।
SR No.090471
Book TitleShripalras aur Hindi Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNyayavijay
PublisherRajendra Jain Bhuvan Palitana
Publication Year
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size12 MB
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