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सायी महेन्द्र श्री माला
॥ ॐ अहं ॥ श्री उत्तराध्ययन सूत्र. द्वितीय विनाग.
___ अध्ययन २१ (१६ थी ३६) (मूलगाथा-मन्वयार्थ तथा कथा सहित गुजराती भाषांतर)
भाषान्तर कर्ता-शास्त्री जेठालाल हरिभाइ-भावनगर. गुरुणीजी श्री शिवश्रीजी तथा गुरुणीजी श्री हेतश्रीजी तथा गरुणीजी श्री लाभश्रीजीना उपदेशथी विविध स्थान निवासी
__ श्राविकावर्ग विगेरेनी आर्थिक सहायथी प्रयत्नपूर्वक छपावी प्रसिद्ध करनार
शाह. कुंवरजी आणंदजी. श्री जैन धर्म प्रसारक सभाना प्रमुख-भावनगर. बीर संवत् २४५२
विक्रम संवत् १९८१