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________________ ॥ अंगुलसप्ततिकागतचर्चाविचारः ।। ५२६ योजन मात्र भरमक्षेत्रमा केपी ने समाइ शके ! ते सम्बन्धमा सम जधानु के एमां कोई विरोध नथी ॥ २७ ।। कारणके भरतक्षेत्रनु म प्रसर । भरतनी भूमि ) ५३८८६८२ योजन छे. ( प्रतर लाश्वानी रीति क्षेत्रसमासधी जाणवी. ) प प्रतर गणित दशिणभरत-उत्तरभरत-अने घेतादयतुं तल प गर्नु मळीने छ. || २८-२९ ।। यो० कळा. विकला. स्यां दक्षिणभरमा १८६४८ - १२--.६ छ. तादयतलनु प्रतर ५१२३०७ गो०-१२ कळा छे. अने उत्तरभरतनुं प्रतर ३०३२८८८ यो०-१२ कळा-११ विकळा है. ॥ ३०-३१-३२ ॥ प प्रमाणांगुलयोजनना उसैधांगुल योजन करपा माटे प्रमाणांगुलना विष्कम || 4 गुणतां एक प्रमाणांगुष योजनना श उत्स० योजन याय, अने तेना गाउ (४+२||=) १. था। तेनुं क्षेत्रफळ १०x१०=१०० उन्से० गाउ थाय प रीते हरेक समचतुरख १ प्रमाणांगुल योजनना उस्लेधांगुली क्षेत्रफळ गाउ १०० थाय तो पूर्वना पार योजनना गाउ करतां भरतक्षेत्रमा उत्सेधांगुल मानपडे क्षेत्रफल गाऊ १३८०६८२०० घाय. अर्थात भग्नक्षेत्रनी क्षेत्रफळ भूमि ( स भूमि ) १३८०६८२०, उस० गाउ प्रमाण छ, ते. खा एक चौरस गाउने विषेबे प्रण अथवा चार गाम होयछ, जेथी आग दाव्या प्रमाणे .कोद्ध गाउमा ९६ क्रोड गाम ममा शकेले. ॥ ३३.३४-३५-३६ ।। ८ क्रोड गाउमां ये घे गाम होय, वीजा आट कोड गाउमां त्रावण गाम होय, अनं १४ कोड गाउमां चार चार गाम होषाथी [८+८+१४) ३० क्रोड गाउर्मा ५१६+२४+२६८) ९६ कोह गाम समार शके 2. अने शेष कांकि न्यून २४ कोड गाजना अर्धमा ( कंडक म्यून १२ क्रोड गाऊमा ) पत्तन -पुर-- कन्वर-खेट प्रत्यादि जे भूत्रमा कया छे ते सर्व समाइ रहेछ. ॥ ३७-३८ ॥ प पतनादि सर्व मळीने ३१७१.०५ होय ते पटलामा किंचित् न्यून १२ कांड गाउमा सुश्च समाह शके छ.नया चैताहयादि पर्वतो मने तानादि उपर ने नगरादि होय ते सर्व भरनक्षेत्रनी एज १२ फोड गाउ प्रमाण भूमिमां जाणधा अने शेष १२ कोड गाउमां गंगा सिंधु विगेरे नदायी अने सीमा पण अनेक पठाशयो तथा नरोगों विगेरेना द्वीपानि समाा शके. अने ए बस्ने वारकोडोमां पटरी चीजो ममाय तोपण गणो जमीन पडतर रहे ॥ ३९-४-५ || इत्यादि वर्णन अंगुलमित्तरीमां का, तेमाथी उपयोगी विषय अग्रे भाषार्थ रूपे कश्मी, अहिं गाथाओमा जे जे अंक (टक छे ते ते गा. धानो विषय अत्र अति उपयोगी नहि होवाथी ग्रहण का मधी गम जाणवु.
SR No.090439
Book TitleLokprakash
Original Sutra AuthorVinayvijay
Author
PublisherSanghvi Seth Shri Nagindas Karamchand Ahmedabad
Publication Year
Total Pages629
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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