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(१५८० ॥ गुणस्थानकडार मुणस्थानेषु अन्तरद्वारविचारः ॥ द्विार ज सास्वादन याय, तेथी मिथ्यात्वे गयेलो जीव सम्यक्त्वमोहनीय अने मिश्रमोहनीय ए बेउ पुनओने दरेक समये उकेलघा मांडे है, अर्थात् सम्यक्त्वमोहनीय अने मिश्रमोइनीयना दलीयाने मिथ्यात्वपुलमा शनिसमय नास्त्रे है, आ प्रमाणे ते चे पुनोने उकेलता उकेलता पल्योपमना असंख्यातमा भागरूप काले ते चे संपूर्ण उकेलाय छे, एटले के ते चे मोहनीयनो सर्वथा अभाव थाय छे, अर्थात् ते वे पुनोने संपूर्ण वकलता पल्योपमनी असंख्यातमो भाग काल लागे के, तेथी ओछा काले ते उकेली शकाता नयो, ते वे पुंगो उकेल्याबाद कोइ जीव औपशमिक सम्यक्त्व पामे, अने औपशमिक सम्यक्त्व वमतां सास्वादन पामे, माटे जघन्य अन्तर पल्योपमना असंख्यातमा भागर्नु का. उत्कृष्ट अन्तर देशोन अर्धपुद्गल परावन काल जाणवू. सम्यक्त्वयी पडेला उत्कृष्ट आशातनावन्त जीवो अर्धपुद्गलपरावन सुधी मिथ्यात्वमा भमेछे. अने ते पछी अवश्य सम्यक्त्व पामे, तेमां कोइ जीव उपशमसम्यक्त्व पामी ते बमतां सास्वादन पामे माटे उत्कृष्ट अन्तर देशोन अर्थपुद्गलपरावर्त काल सासादननं जाणवू. अने नाना जीवापेक्षया सास्वादनगुणस्थाननु उत्कृष्ट अन्तर पल्योपमना असंख्यातमाभाग प्रमाण काल होय छे.अर्थात् उत्कृष्टथी तेटला काल सुधी कोइपण जीव सास्वादनगुणस्थानके वर्ततो नयी पण उत्कृष्ट तेटला काल पछी अवश्य कोई जीव सास्वादनगुणस्थान पामे.
(३) जीजा मिश्रदृष्टि (सम्यग्मिथ्यात्व) गुणस्थानन एक जीवा पेक्षया जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त प्रमाण छ, अर्थात् मिश्रगुणस्थानथी मिथ्यात्वे गयो होय अथवा सम्यक्त्वमा गयो होय त्यां अन्तर्मुहूर्त रद्दी पाछो मिश्रमां आवे माटे जघन्य आंतम अन्तर्मुहर्त छे. अने उत्कृष्ट अन्तर देशोन अध पुद्ल परावर्तकाल जाणवू. नाना जीवापेक्षया मिश्रगुणस्यानचें उत्कृष्टअन्तर पल्योपमना असंख्यातमा भागप्रमाण काल ले. ते पछी अवश्य कोइ जोव मिश्रगुणस्थान पामे,
(४ श्री ७) चोथा अविरतसम्यग्दृष्टिगुणस्थान- पांचमा देशविरतगुणस्थानk छट्ठा प्रमत्तसंयतगुणस्थाननुं अने सातमा अप्रमत्त संयतगुणस्थानहुँ अर्थात् ए चारे गुणस्थानोनुं एक जीवापेक्षया प्रत्येक जघन्य अन्तर अन्तमहत अन्तर्मुहर्तपमाण जाणवू. अर्थात् ने ते मुणस्थानोथी च
या छतां अधना पड्या छतां अन्य अन्य गुणस्थानोमां जघन्यथी अन्तर्मुहूर्त रही फरी ते ते गुणस्थान पामे छे, माटे जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त का छे, अने उत्कृप्र अन्तर देशोन अध पुद्गलपरावर्तकाल जाणवू, अने नाना जीवापेक्षया ए