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________________ (३५८) || सामायिकचतुष्के विशेषविचाः ॥ बार) चोथा अने पांचमा आरामां देश तथा सर्व विरतिना प्रतिपद्यमान तथा पूर्व पतिपन होय, संदरणने आश्रयी महाविदेनो कोइ जीव छ आग़मां पण प्रतिपत्र लाभे, प्रतिभाग ( सहरा त्रेण कालमां सम्यक्त्र अने श्रुतना *मतिपद्यमान तथा प्रतिपन्न होय छे. पोथा प्रविभागकालमां चारे सामायिकना प्रतिपद्यमान तथा पूर्वमतिपत्र होय छे. काल चिन्ह रहित मनुष्यक्षेत्र चहारना द्वीपसमुद्रोमां सम्यक्त्व, श्रुत अने देशविर तिना प्रतिपद्यमान तथा प्रतिपक्ष होय, सर्वेविरतिना afaesare न होय पूर्वप्रतिपन्न कदाचित् होय, गतिहार - सम्यन्त्र अने श्रुतना प्रतिपद्यमान तथा प्रतिपक्ष चारे गतिमां दोय छे, देशत्रिरतिना उभय मनुष्य अने तिर्यंचगतिमां, सर्वविरतिना उभय मनुष्य-गतिमांज होय. भव्य तथा संज्ञिवार - चारे सामायिकना प्रतिपद्यमान तथा पूर्वप्रतिपन्न भव्य तथा संज्ञिजी हो. सम्म असंझिजीव जन्मकाले सास्वादनापेक्षा होय . अभव्यने निषेध है. उच्छ्वास, निःश्वासद्वार - वारे सामायिकना प्रतिपद्यमान तथा पूर्वप्रतिपन्न श्वासोच्छवासपर्याप्तजीवो होष है. अपर्याप्तजीव सम्यक्त्व अने श्रुतनी अपेक्षाये पूर्वमतिपन्न होय. नयदृष्टिद्वार —–व्यवहारनये सामायिकरहित सामायिक पाये, निश्वयनये सामायिक सविन पामे. आहारक तथा पर्याप्तवार - आहारक तथा पर्याप्तजीव चारे सामायिकना प्रतिपद्यमान तथा प्रतिपक्ष होय छे. विग्रहगतिनो अनाहारक तथा अपर्याप्तजीव सम्यक्त्व अने श्रुतना प्रतिपक्ष होय, केवलिसमुद्घात तथा शैलेशी भवस्थाना अनाहारक सम्यक्त्व तथा सर्वविरविना पूर्वप्रतिपन्न होय, सुसद्वार -- जागृतपुरुष चारे सामायिकनो प्रतिपद्यमान तथा पूर्वमतिपा होय, निद्रामृत चारे सामायिकनो प्रतिपन्न होय प्रतिपद्यमान न होय. जन्मबार - अंडज [हंसाद] अने पोतन ( हस्त्यादि ) मां सम्यक्त्व, श्रुत अने देशविरतिना प्रतिपद्यमान तथा प्रतिपन्न होय, जरायुज (मनुष्य) मां चारेन्द्र १ सुषमासुषमा प्रतिभाग देवकुरुउत्तरकुरुमां १, सुषमाप्रतिभाग हरिव रम्यक्रमां २, सुषमाडुराभाप्रतिभाग हिमवन्सहिरण्यवन्त तथा अन्तरद्वीपमा ३. २ दुपमासुषमाप्रतिभाग महाविदेहमां ४, * सुषमसुषमाविमा देशोन पूर्वकोकमांज़ पाये छ. ( इति आवश्यकीया रिभवतिः ) .
SR No.090439
Book TitleLokprakash
Original Sutra AuthorVinayvijay
Author
PublisherSanghvi Seth Shri Nagindas Karamchand Ahmedabad
Publication Year
Total Pages629
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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