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________________ (२८२) ॥ आचाराङ्गादिसंवादेन षोडशादिसंझानिरूपणम ॥ (हार वर्णिताः॥४५७॥(सा०११५) अथवा त्रिविधाः सज्ञाः,प्रथमा दीर्घ कालिंकी। द्वितीया सुशाहालमा, दृष्टिवादाविना पा ॥१५८॥ सुदीर्घमप्यतीतार्थ, स्मरत्यथ विचिन्तयेत् । कथं नु नाम कर्मव्यमित्यागामिनमाद्यया ॥ ४५९ ॥ तथा विचिन्त्येष्टानिष्टच्छा. पातपादिवस्तुषु । द्वितीयया स्वसौख्याथै, स्यात्प्रवृत्तिनिवृत्तिमान ॥ ४६० ॥ भवेत्सम्यग्दृशामेव, दृष्टिवादोपदेशिकी । एतामपेक्ष्य सर्वेऽपि, मिथ्यादृशो ह्यसंज्ञिनः ॥ ४६१ ॥ सुरनारकग त्यजीवानां दीर्घकालिको । संमूर्छिमान्तयक्षादिजीवानी हेतुवादिकी ॥ ४६२ ॥ छद्मस्थसम्यग्दृष्टीना, श्रुतज्ञानात्मिकाऽन्तिमा । मतिव्यापारनिर्मुक्ताः, संज्ञातीता जिनाः समे ॥ ४६३ ॥ इति संज्ञा २१ ॥ अर्थ-प्रवचनसारोशरवृत्तिमा तो ए प्रमाणे कखेल के-"नथा पनि ज्ञानावरण कर्मना क्षयोपशमथी शब्द अने अर्थ विषयक सामान्य बोध क्रिया रूप ओघसंज्ञा, अने तेना (शब्दार्थना) विशेषावबोधकिया रूप लोकमज्ञा के. अने ए प्रमाणे होवाथी तात्पर्य ए आयु के "दर्शनोपयोग ने ओघसंज्ञा ने शानोपयोग ते लोकसंज्ञा"ए ठाणांगटीकामो अभिप्राय हे.॥४५७। आचारांगजी नी टीकामां तो ए प्रमाणे कहिल्के -चल्मलीना समूहनी भिंतादि उपर (क्षउपर) चढवानी जे संशा ते ओघसंज्ञा, अने लोकोए उपचार करेली (लोकोए व्यवहारमा प्रवस्लिी ) पोतानी इच्छा प्रमाणे पडेला निर्णय करेला) विचारबाळी लोकसंज्ञा, जेम के समानरहितने मद्गनि न होय, धान (कूनरा) ते यक्ष छे, बामणो देव छे,कागला ते दादामो पूर्वज,छे, मयूरनी पांखना वायुनडे गर्भ रहे ! अक्षामियोये मानेला लौकिक शास्त्रमा प्रसिद्ध टूटे के अपुरम्भ गतिना स्ति. (स्वग)मोक्षो नैव च नेव व (अधीयाने सदगति छ न अने स्वर्ग सो नपोज मधी) तेथी सर्व प्रयत्न हे पण एक पुत्र तो उम्पन्न करपौत्र, २ पळी अज्ञामि लोको कई , के-सीत्र ज्यारे मरण पामे छे त्यारे यमराजाना मृत ते जीवने लेषा आवे छे तेने फाराज देखे हे एनधी ज्याने कूतम रूप छे त्यारे लोको कोकिनु मरण नजीक आव्यु एम लागे छे. .५ पळी मयूरना मांसुर्नु बिंदु मयूरो आरूपादे (चारवे, छे तेथो मयूरीने गार्भ रहे छै, इत्यादि अनेक कारनाओ लोकमसिन छ, .
SR No.090439
Book TitleLokprakash
Original Sutra AuthorVinayvijay
Author
PublisherSanghvi Seth Shri Nagindas Karamchand Ahmedabad
Publication Year
Total Pages629
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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