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२०-२१ मु)
(२७७]
॥ लोकप्रकाशे तृतीयः सर्गः ॥ (सा० १०८)
॥ १६ कषायनो यन्त्र । कोना सरनो कया गुणनो
ला अनार |
का गमिमा
कषाय
स्थिति (प्राय:)
अनन्तानु कोध पतनी फाट | सम्यकाबनो
नरकगनि
यावजीब
मान
| पत्थरनो स्तम्भ
माया | नकर बांसन मूळ
_लोभ | कृमिज रंग
अप्रत्या• कोष
तलावनी भूमिनी फाट
| देशनतनो
तिर्यचति
मान | बाडनो स्तम्भ
____ माया | मेदानु शींगडं
1.
लोभ | कावषमो रङ्ग
प्रत्या० कोष रेतीमा रेखा | सर्व विरतिनो | मनुष्यगति
| ४ मास
"
मान | फाष्ट स्तम्म
-
-
माया | गोम्न
लोभ | गादानी मेंस
सज्वलन कोष जळमा रेखा
यथाख्यात चारित्रनो
देवाति
| १५ दिवस
मान | नेतरनी लता
माया
सनी छोल
,
लोभ | बळदरनो रंग |