SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 40
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [हिन्दी टीका]-आकर्षण कर्म करने के लिये अंकुश मुद्रा से जाप्य करे, सरोज (कमल) मुद्रा करके वशीकरण का जाप्य करे, शांतिक पौष्टिक कर्म के लिये ज्ञान मुद्रा से जाप्य करे, विद्वेषण क्रिया के लिये और उच्चाटन के लिये प्रवाल (पल्लव) मुद्रा से करे, स्तंभन कर्म करने के लिये शंख मुद्रा करे और मारण (निषेध) कर्म के लिये बज मुद्रा से जाप्य करे ।।८।। प्रासनविधान दण्ड स्वस्तिक पङ्कजकुक्कुट कुलिशोच्च भद्रपीठानि । उदयार्क रक्त शशधर घूमहरिद्रासिता वरः ॥६॥ [संस्कृत टीका]-'दण्ड' दण्डासनं प्राकर्षण कर्मणि। 'स्वस्तिक स्वस्तिकासनं वश्यकमरिण । 'पङ्कज' पङ्कजासनं शान्तिकपौष्टिकयोः। 'कुक्कुट' कुक्कुटासनं विद्वेषणोच्चाटनायोः । 'कुलिश' वज्रासनं स्तम्भककर्मरिण । 'उच्चभद्रपोठानि' विस्तीर्ण भद्रपीठासनं निषेध कर्मणि। 'इत्येतान्यासनानि' षट्कर्मकरणे योजनीयानि । 'उदयार्क' प्ररुणवरणं प्राकृष्टि कर्मरिण । 'रक्त जपाकुसुमवर्ण वश्यकर्मणि। 'शशधर' चन्द्रकान्तवर्ण शान्तिक पौष्टिकयोः । 'धूम' धूम्रवरणं विद्वषणोच्चाटनयोः । 'हरिद्रा' पीतवर्ण स्तम्भनकमरिण । 'असित' कृष्णावणं निषेध कर्मणि । इत्येवंविधा वर्णाः षटकर्मकरणे प्रयोक्तव्याः । इत्यासनवर्ण भेदाः कथिताः ॥६॥ [हिन्दी टीका]-दण्डासन से आकर्षण कर्म करे, स्वास्तिकासन स वशीकरण कर्म करे, शांतिक पौष्टिक कर्म करने के लिये कमलासन से बैठे, कुकुटासन स बैठ कर विद्वेषण, उच्चाटन क्रिया करे, वज्रासन से स्तंभन कर्म करे । भद्रासन से बैठ कर मंत्री (निषेध) मारण कर्म करे ।। आकर्षरण कर्म के लिये बाल सूर्य के समान लाल रंग, वशीकरण कर्म के लिये एक दम लाल वर्ण, शांतिक और पौष्टिक कर्म के लिये चंद्रमा के समान वर्ण, विद्वेषरण और उच्चाटन कर्म के लिये धूम्रवर्ण, स्तम्भन के लिये हल्दी के समान रंग और मारण कर्म के लिये कालावर्ण का विचार करे ।।६।। पलव विचार विद्वोषणाकर्षण चालनेषु हुं वौषडन्तं फडिति प्रयोज्यम् । वश्ये वषड् वैरिवधे च घे घे स्वाहा स्वधा शान्तिकपौष्टि के च ॥१०॥
SR No.090432
Book TitleBhairava Padmavati Kalpa
Original Sutra AuthorMallishenacharya
AuthorShantikumar Gangwal
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Occult
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy