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________________ [ २७ संकेत मनन्तधर्मा क्षणिका मानने स्यसा { ব্যক্তিত্ব पृष्ठांक पक्ति अशुद्ध २२६६ सकेत २३०॥३३ घष २३२॥३५ द्रव्य २३२६३० प्रतिमा २४३४ बीजनेक २४९। सामा २०१६ अगोंतो २५४३ कार्यवृत्ति २५४।१३ अधया २५५।५ योउगाच्च २६६२ लक्षण इतर २६६।६ तसस्त २६४ार बाधम २७०1३१ बताया २७१०१ परमार्थक २७१।१५ होगी, २७२।२ शक्तैर वि २७२।२ कावे:-सर ९७२।२७ मंद २७६३२२ सब्दों २८०६ वहित वस्तु २८०१३२ कि, धध शब्द प्रतिभा बीजानेक सामर्थ्या अगोतो कार्थवृत्ति अथवा योगाच लक्षण- तर भोपपतेः क्रिया फलदा क्रियोत्कर्षा ॥३७॥ पधायक कहा जाता पृष्टांक पंक्ति अशुद्ध २८५३ मनन्त धर्मा २८६।१६ क्षणिका २८६।२८ मा ने २८७७ स्यया २८७ मोपपत्तः २९११२ कियाफलदा ५२.६७ कियोत्कषऽ २९३२ ॥३६॥ २९.६.१८,१२ पापक २९६।२५ कही जाती २९८१२२ उपचापकता २९८१२३ आत्मा अप २९८।३२ होने से २९८।३४ कलार्धाच्छ २९९।१२ । तत्रज्ञान २९२।१६ जीणम ६९९४१७ तृप्णीं १९९।२९ होता। ३००७ तयोहारि ३००।१७ सङ्केतिति ३००।२७ द्वारा ३०४।१० जन्मभाधे ततस्त बोधर उपधायकता आत्माश्रय होने से, फलाच्छि तत्र ज्ञान जेणम तृष्णी बताया परमार्थक होगी शक्तरवि कत्वेऽस? भेद शब्दों वहितयस्तु कि होता तयोगि सङ्केतित द्वारी %3 जम्माभावे महत्वपूर्ण सूचना स्तबक ९ के १३५ पृष्ठ के बाद फिर से पृष्ठांक १ से स्तबफ १८ चालु होता है।
SR No.090423
Book TitleShastravartta Samucchaya Part 9 10 11
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorBadrinath Shukla
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size16 MB
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