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________________ विषय अपो मान्यता में अन्योन्याश्रयकुमारिल का पूर्वपक्ष अर्थान्तरनिवृत्ति विशिष्टार्थवाचकता असंगत अपो की अनुपपत्ति गोय में भवरूपता की प्रति कुमारिलङ्कृत पूर्वपक्षयुक्तियों का निरसन शब्दप्रतिपाथ अपोह के अभाव की आपत्ति निरस्त लोकप्रसिद्ध विशेषण आदि भाष की उपपत्ति बौद्धविरोधि पक्ष में अनुपपति उद्योतकर प्रयुक्त अनुपपत्ति का निरसन २४७ दिग्नाग के कथन में आशय की स्पष्टता २४८ अर्थान्तरनिवृत्ति रूप अपोह में विशेषणता की उपपत्ति २४९ व्यक्ति में अता की उपपत्ति २४९ प्रतियोगि में वस्तुत्व का नियम असिद्ध २०० में अगोरूपता की आपत्ति का निरसन शब्दप्रतिवाद्य अह न होने की आपति सिंगादि के साथ अपोह का सम्बन्ध विचार शब्दों के बी-पुंनपुंसकता का निरसन वैयाकरण मतानुसार जाति में जाति मान्य पृष्ठ वैयाकरणमत के उपर बौद्ध की मीमांसा २४५ ૦૬ १४० २५१ २५१ २५२ ܝ २५४ २५६ २५६ २५.७ २५७ ०५८ [२३ विषय 28 २५९ संख्या की काल्पनिकता अपोह की अध्यापकता का निरसन २६० साध्यत्वादि की उपपति २६१ • पचति से अन्यापोह के बोध की उपपति रावल एक स्वरूप वाक्यार्थ का निरसन शद और अर्थ के बीच ताविक सम्बन्ध-उत्तर० सहकारि द्वारा उपादान में विशेषाधान असंभव २६५ शब्दार्थ सम्बन्ध न मानने पर बाधक २६५ दृश्य-विकल्प्य अर्थो के एकीकरण के नये अर्थ का परिहार २६६ उपादान के कारणों से उसमें विशेषाधान असंभव तादात्म्यादिविकल्पप्रयुक्त दोषों का निरसन प्रधान और गो आदि पद में लक्षण्य हेतुभेद - शब्दभेद दोनों में अन्योन्याश्रय का निरसन सत्य असत्य शब्दों में स्वरूपभेद का समग्रॅम शाब्दबोध में शक्तिग्रह की हेतुता का समर्थन नैयायिक अभिमत शक्तिपदार्थ का निरसन ' सर्वे सर्वार्थवाचका:' पक्ष में विरोध का परिहार २६२ वस्तुमात्र अनन्त धर्मात्मक है दृश्य और विकल्प्य अर्थों में भेद साधन की आशंका २६३ २६७ २६८ २६९ २७१ २७२ २७३ ૨૭૦ २.७५ २७६ २७८ २.७८
SR No.090423
Book TitleShastravartta Samucchaya Part 9 10 11
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorBadrinath Shukla
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size16 MB
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