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मह॥ श्री शंणेश्वरपार्श्वनाथाय नमः । १४४४ ग्रन्थप्रणेता-जनशासनालंकार-तर्फसम्राट आचार्य श्री इरिभद्रसूरीश्वरजी विरचित
ॐ शास्त्रवार्तासमुच्चय
(स्यावादकल्पलतान्याख्याविभूषित )
स्तवक-७ [जैन-अनेकान्तवादयाना]
___व्याझ्याकार:-. न्यायाचार्य महोपाध्याय श्रीयशोविजयजी महाराज
अभिवीक्षणकार :--- उन पस्त्री, न्यायदर्शनसावा परमपूज्य जैनाचार्य श्रीमद् विजय
भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराज
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हिन्दी विवेचनकार :पड्दर्शनविशारद पंडितराज न्याय-घेदान्ताचार्य प्रो० श्री बदरीनाथ शुक्ल
भूतपूर्व कुलपति संपूर्णानन्य संस्कृत विश्वविद्यालय, बनारस (पू. पो.)
मूल्य २५-०० रूपये
प्रकाशक:
दिव्य दर्शन ट्रस्ट १८, गुलालबाड़ी, पम्बई-४००००४