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प्रमहंश
श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः । हिन्दी विवेचन विभूषित स्यावादकल्पलताव्याख्यालंकृत १४४४ ग्रन्थप्रणेत-बहुमुखप्रतिभासम्पन्न-तकसम्राट्
जैनाचार्य श्री हरिभद्रसूरीश्वरजी विरचित 卐 शास्त्रवार्तासमुच्चय ॥
स्तबक-५-६ [ बौद्धमत समीक्षा
व्याख्याग्रन्थ रचयिताःन्यायविशारद-न्यायाचार्य-महामहोपाध्याय श्री यशोविजय गणिवर्य
अभिवीक्षणकार :उग्र तपस्वी, न्यायदर्शनतत्त्वज्ञ धर्मसंरक्षक जैनाचार्य श्रीमद् विजय
भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराज
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हिन्दी विवेचन कार :षड्दर्शनविशारद पंडितराज न्याय-वेदान्ताचार्य
श्री बदरीनाथ शुक्ल
भूतपूर्व कुलपति संपूर्णानन्द संस्कृत विश्व विद्यालय, बनारस (यू. पो.)
प्रकाशक :
दिव्य दर्शन ट्रस्ट ६८, गुलालवाड़ी, बम्बई-४००००४